रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को 51 दिन हो चुके हैं. फरवरी के अंत में दोनों देशों के बीच तुर्की में शांति वार्ता के बाद रूस ने कहा था कि वह हमले कम करेगा, लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं और रूस की तरफ से हमले और तेज होते गए. इस दौरान बूचा नरसंहार जैसे मामले भी सामने आए, जिसे लेकर पूरी दुनिया में रूस की निंदा हुई और उसे संयुक्त राष्ट्र महासभा के मनवाधिकार समिति से हटा दिया गया.


हाल ही में रूस को लगा है सबसे बड़ा झटका


कम संसाधन के बाद भी यूक्रेनी सेना रूसी सेना को टक्कर दे रही है. मंगलवार को यूक्रेन ने ब्लैक सी में तैनात रूस के एक क्रूज को नष्ट कर दिया. हालांकि इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन इसे बड़ी कामयाबी मानी जा रही है. अमेरिका ने भी इसे रूस के लिए बड़ा झटका माना है. हालांकि अभी यह साफ नहीं हो सका है कि यह युद्ध पोत मिसाइल अटैक में नष्ट हुआ है या आग लगने से. यूक्रेन इसे मिसाइल से नष्ट करने का दावा कर रहा है, जबकि रूस इसका खंडन करते हुए कह रहा है कि आग लगने से क्रूज नष्ट हुआ है.


युद्ध क्षेत्र में जाएगा अमेरिका


युद्ध के इतने दिन बाद बाइडन ने कहा कि अमेरिका युद्ध प्रभावित क्षेत्र में जाने को तैयार है. यूक्रेनी टीवी ने भी इस संबंध में बताया है कि वॉशिंगटन से कुछ सीनियर अफसरों को यूक्रेन में युद्ध प्रभावित इलाकों में भेजने की तैयारी की जा रही है.


अब भी जारी है बमबारी  


इन सबके बीच यूक्रेन की राजधानी को जीतने के लिए रूसी सेना की कोशिश लगातार जारी है. अब भी रह-रहकर मॉस्को सेना की तरफ से बमबारी की जा रही है. रात को सबसे ज्यादा बमबारी होती है, जिसकी आवाज साफ सुनाई देती है.


बढ़ रहीं खाद्य पदार्थों की कीमतें


युद्ध के लंबा खिंचने से अब पूरी दुनिया इसकी चपेट में आती दिख रही है. अधिकतर देशों में खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है और इन सबसे आम लोग परेशान रहो रहे हैं.


50 लाख से ज्यादा लोगों ने किया पलायन


इस युद्ध की वजह से अब तक यूक्रेन से करीब 50 लाख लोग पलायन कर चुके हैं. ये लोग अलग-अलग देशों में शरणार्थी बनने को मजबूर हैं. जो देश पहले से ही आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं, उनके लिए हालात और भी खराब होते जा रहे हैं.


परमाणु हमले का खतरा


मीडिया रिपोर्टों के अनुसार,  रूस ने नाटो को चेतावनी दी है कि अगर स्वीडन और फिनलैंड अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन में शामिल होते हैं तो रूस परमाणु हथियार तैनात करेगा. वहीं, अमेरिका की केंद्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए) की भी रिपोर्ट है कि यूक्रेन में लगातार मिल रही नाकामी से परेशान पुतिन परमाणु हथियार का सहारा ले सकते हैं.


रूस के 19800 सैनिक मारे गए


कीव प्रशासन के अनुसार, करीब 7 सप्ताह के युद्ध में रूस के लगभग 19,800 सुरक्षाकर्मी अब तक यूक्रेनी सेना के हमले में मारे जा चुके हैं. हालांकि इस युद्ध में यूक्रेन को सबसे ज्यादा जान-माल का नुकसान उठाना पड़ा है.


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