रूस के आक्रमण के बाद एसोसिएटेड प्रेस के पत्रकार यूक्रेन और इसके आसपास जमीनी हालत पर नजर बनाए हैं. सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार और सैन्य दावों- प्रतिदावों के बीच यह निर्धारित करना मुश्किल हो गया है कि वास्तव में क्या हो रहा है. इस बीच, शुक्रवार को जो हालात देखे गए वे इस प्रकार हैं:
--मध्य कीव में राष्ट्रपति के मुख्यालय से लगभग 800 मीटर दूर धमाकों की आवाज सुनी गई है.
--कीव में द्निप्रो नदी के पूर्वी हिस्से में स्थित बहुमंजिला इमारत पर गोलाबारी से भारी नुकसान हुआ है.
--मध्य कीव की ओर जा रहे मुख्य मार्ग के निकट गोलीबारी हुई है.
-- यूक्रेन के सैनिक कीव में ओबोलोन जिले में गोलीबारी से क्षतिग्रस्त हुए सैन्य वाहन को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.
-- यूक्रेन के सैनिक कीव के आसपास पुलों पर बचाव चौकियां स्थापित करने में जुटे हैं. कीव की सड़कों पर सैनिकों के बख्तरबंद वाहन घूम रहे हैं.
--कीव से लगभग 60 किलोमीटर दूर इवानकीव में एक पुल क्षतिग्रस्त हुआ है.
इस बीच, यूक्रेन और रूसी अधिकारियों व अन्य ने कुछ बयान दिये हैं, जो इस प्रकार हैं:
- यूक्रेन के परमाणु ऊर्जा नियामक ने कहा है कि चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र और इसके आसपास विकिरण का स्तर सामान्य से अधिक हो गया है. दुनिया की सबसे बदतर परमाणु त्रासदी के लिये जाने जाने वाले संयंत्र पर रूसी सेना ने कब्जा कर लिया है. हालांकि रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि क्षेत्र में विकिरण का स्तर सामान्य है.
- यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि अब तक 10 सैन्य अधिकारियों समेत 137 लोग मारे गए हैं. राष्ट्रपति के एक सलाहकार ने कहा कि लगभग 400 रूसी सैनिकों की मौत हुई है. रूस ने हताहतों की संख्या नहीं बतायी है. किसी भी दावे को स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं किया जा सका है.
-संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त ने कहा कि संगठन के कर्मचारियों ने अब तक कम से कम 127 लोगों के हताहत होने की पुष्टि की है. इनमें से 25 लोग मारे गए और 102 घायल हुए हैं. ज्यादातर की मौत गोलाबारी और हवाई हमलों से हुई.
- रूसी सेना ने कहा कि उसने यूक्रेन की राजधानी के बाहर एक हवाई अड्डे पर नियंत्रण कर लिया है. यह हवाई अड्डा कीव से 7 किलोमीटर दूर होस्टोमेल कस्बे में स्थित है और इसपर बड़े मालवाहक विमानों समेत सभी प्रकार के विमान उतरते हैं. इस हवाई अड्डे पर कब्जा करने से रूस को कीव के बाहरी हिस्सों में प्रत्यक्ष रूप से हवाई मार्ग के जरिये रूसी सैनिकों को उतारने का रास्ता मिल गया है.
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