रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के बीच यूक्रेन के पिसोचिन में फंसे 298 भारतीय छात्रों को वहां से निकाल लिया गया है. ये जानकारी यूक्रेन में भारतीय एंबेसी की ओर से दी गई है. पिसोचिन में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए एंबेसी की तरफ से पांच बसों का इंतज़ाम किया गया. ये बसें छात्रों और नागरिकों को पिसोचिन से लेकर निकल गई हैं.
भारतीय एंबेसी की ओर से ट्वीट कर कहा गया, "पिसोचिन से भारतीय नागरिकों को निकाल लिया गया है. उनके सफर के दौरान भी ये मिशन जारी रहेगी और उनके संपर्क में रहेंगे. उनकी सुरक्षा हमेशा हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है. सुरक्षित रहें, मज़बूत रहें."
इससे पहले भारतीय एंबेसी ने ट्वीट किया, "भारत सरकार की ओर से भेजी गई तीन बसें पिसोचिन पहुंच गई हैं और जल्द पश्चिम की ओर रवाना होंगी. दो और बसें जल्द आएंगी. हमारे सभी छात्र सुरक्षित सफर करें इसकी कामना करते हैं." बता दें कि पिसोचिन का इलाका खारकीव से करीब 11 किलोमीटर दूर है.
351 आम नागरिकों की मौत
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने शनिवार को रूसी हमले के बाद से यूक्रेन में 351 आम नागरिकों की मौत की पुष्टि की है. जिनेवा स्थित कार्यालय ने कहा कि 24 फरवरी की मध्यरात्रि से 707 अन्य आम नागरिक घायल हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने इन आंकड़ों के लिए पुष्ट रिपोर्ट का उपयोग किया है. हालांकि, यूक्रेन के अधिकारियों ने हताहतों की इससे कहीं अधिक संख्या पेश की है.
संघर्ष विराम के बीच भी गोलाबारी
शनिवार को रूस ने यूक्रेन के दो शहरों में संघर्ष विराम का एलान किया. लेकिन बाद में यूक्रेनी पक्ष ने दावा किया कि रूस संघर्ष विराम का पालन नहीं कर रहा है. यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि देश के उस एक इलाके से असैन्य लोगों को निकालने का प्रयास रोक दिया गया, जहां रूस के रक्षा अधिकारियों ने संघर्ष विराम का ऐलान किया है. राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की के दफ्तर में उप प्रमुख कीरीलो तीमोशेंको ने कहा कि मारियुपोल शहर पर शनिवार को भी गोलाबारी हो रही थी, इस वजह से निकासी प्रयास रोके गए हैं.
उन्होंने कहा, “रूसी पक्ष संघर्ष विराम नहीं कर रहा है और वह मारियुपोल और आसपास के इलाकों में लगातार गोलीबारी कर रहा है.” उन्होंने यह भी कहा कि रूस के साथ संघर्ष विराम और सुरक्षित मानवीय गलियारा सुनिश्चित करने के लिए बातचीत जारी है.