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Russia Ukraine War: क्या है SWIFT? आर्थिक चोट देकर रूस को 'मात' देने की कोशिश में अमेरिका और उसके सहयोगी देश

Russia Ukraine Crisis: यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से अमेरिका और उसके सहयोगी देश लगातार प्रतिबंध लगा रहे हैं. इस कड़ी में अबतक का सबसे बड़ा प्रतिबंध लगाया गया है. रूस को स्विफ्ट से अलग किया गया है.

रूस द्वारा यूक्रेन के खिलाफ जंग छेड़ने के विरोध में अमेरिका और उसके सहयोगी देशों और साझेदारों ने वैश्विक वित्तीय तंत्र ‘स्विफ्ट’ (SWIFT) से प्रतिबंधित रूसी बैंकों को अलग करने और रूस के केंद्रीय बैंक के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कदम उठाने का फैसला किया है. अमेरिका, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन और कनाडा के नेताओं द्वारा शनिवार को इस संबंध में एक संयुक्त बयान जारी किया गया. इसमें कहा गया कि  प्रतिबंधित रूसी कंपनियों और कुलीन वर्गों की संपत्तियों का पता लगाने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक संयुक्त कार्य बल का भी गठन किया गया है.

पहले स्विफ्ट को समझें

जिस स्विफ्ट के सहारे अमेरिका औऱ उसके सहयोगी देश रूस को घेरने की कोशिश कर रहे हैं, पहले उसे समझना जरूरी है. दरअसल, ‘सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन’ (स्विफ्ट) दुनिया की प्रमुख बैंकिंग कम्युनिकेशन सर्विस है, जो भारत सहित 200 से अधिक देशों में लगभग 11,000 बैंकों और वित्तीय संस्थानों को जोड़ती है. इस प्रणाली को वैश्विक वित्त व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. अगर रूस इससे बाहर होता है, तो यह उसके लिए एक बड़ा झटका होगा.

किस तरह प्रभावित करेगा यह कदम

बैंकों को स्विफ्ट से हटाना बड़ा प्रतिबंध है. दरअसल,  दुनिया के लगभग सभी बैंक इस प्रणाली का इस्तेमाल करते हैं. रूस अपने तेल और गैस निर्यात के लिए इसी प्रणाली पर ज्यादा निर्भर है. इस कदम से रूस के बैंक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली से अलग हो जाएंगे और यह उनकी वैश्विक स्तर पर संचालन की क्षमता को कमजोर करेगा.

रूस को सेंट्रल बैंक से भी घेरने की तैयारी

अमेरिका औऱ उसके सहयोगियों ने कहा है कि, ‘’हम उन प्रतिबंधात्मक कदमों को उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो ‘रशियन सेंट्रल बैंक’ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आरक्षित निधि की आपूर्ति से रोकेंगे, ताकि हमारी ओर से लगाए गए प्रतिबंध के प्रभाव कमजोर न पड़ें’’. बता दें कि इससे पहले यूरोपीय संघ रूस को स्विफ्ट प्रणाली से अलग करने को लेकर अलग-अलग मत रखता था. कुछ देशों का मानना था कि इस कदम से तेल औऱ गैस के भुगतान में दिक्कत आएगी. 

पहले नहीं बन पा रही थी सहमति

इससे पहले, रूस को स्विफ्ट प्रणाली से अलग करने को लेकर यूरोपीय संघ (ईयू) के भीतर असहमति थी, क्योंकि इससे तेल और गैस के लिए भुगतान प्रभावित होगा, लेकिन रूस को दुनिया भर में स्विफ्ट बैंकिंग नेटवर्क से बाहर करने के लिए ब्रिटेन सरकार ने यूरोप में इस अभियान का नेतृत्व किया और बाद में इस पर सहमति बन गई.

यूक्रेन के साथ खड़े होने का किया दावा

अमेरिका और उसके सहयोगियों ने इस मामले में कहा है कि, ‘‘हम रूसी हमले का मुकाबला करने के साहसी प्रयासों में यूक्रेन सरकार और उसके निवासियों के साथ खड़े हैं. रूस का हमला उन मूलभूत अंतरराष्ट्रीय नियमों का अपमान है, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से चल रहे हैं. हम इन नियमों की रक्षा करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं.’’ अमेरिका के सहयोगियों ने कहा कि, ‘‘हम रूस को जिम्मेदार ठहराएंगे और सामूहिक रूप से यह सुनिश्चित करेंगे कि यह युद्ध पुतिन के लिए रणनीतिक हार साबित हो.’’

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