Russia Ukraine War: भारतीय छात्रों को बंधक बनाने के रूसी आरोपों को अमेरिका ने नकारा, कहा- ‘यह रूस का प्रोपेगेंडा वॉर’
Russia Ukraine Crisis: यूक्रेन द्वारा भारतीयों को बंधक बनाकर ढाल के रूप में यूज किए जाने के रूसी सरकार के आरोपों को अमेरिका ने खारिज करते हुए इसे गलत बताया है. अमेरिका ने इसे प्रोपेगेंडा बताया है.
Russia Ukraine Conflict: यूक्रेन द्वारा भारतीयों को बंधक बनाकर ढाल के रूप में इस्तेमाल किए जाने के रूस सरकार के बयान पर अमेरिका ने भी प्रतिक्रिया दी है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि, हमने नागरिकों को मानव ढाल की तरह इस्तेमाल करने जैसी कोई रिपोर्ट नहीं देखी है. ये रूस के प्रोपेगेंडा वॉर का नतीजा है.
अमेरिका ने फिर से रूस के हमले की निंदा की
नेड प्राइस (Ned price) ने कहा कि रूस की ओर से इस तरह की गलत सूचना फैलाई जा रही है. उन्होंने ये भी कहा कि अमेरिका रूस द्वारा यूक्रेन में किए गए हमले और इस हमले में वहां के आम नागरिकों के साथ हो रही हिंसा और उनकी मौत पर भी रूस की कड़ी निंदा करता है.
बुधवार रात को रूस ने लगाया था आरोप
बता दें कि यूक्रेन से अब भी सैकड़ों भारतीय छात्रों के फंसे होने की सूचना है. इन स्टूडेंट्स को जल्दी वहां से निकालने को लेकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से बुधवार रात हुई बातचीत में चर्चा की. इस दौरान रूसी राष्ट्रपति ने बताया कि यूक्रेन की सेना भारतीय स्टूडेंट्स को बंधक बना रही है और उन्हें ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रही है. भारतीय छात्रों को रूस की धरती पर जाने से रोका जा रहा है. बातचीत के बाद इन आरोपों को लेकर रूस के राष्ट्रपति भवन की ओर से एक बयान भी जारी किया गया.
भारतीयों को निकालने के दिए निर्देश
व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी को बताया कि भारतीय छात्रों को वॉर जोन से सुरक्षित निकालकर उन्हें भारत भेजने के लिए सभी जरूरी निर्देश जारी किए गए हैं. रूसी सेना इस दिशा में हरसंभव कोशिश कर रही है. भारतीय छात्रों के फौरन रेस्क्यू के लिए रूसी सेना खारकीव से रूस तक एक सुरक्षित कॉरिडोर बनाने पर भी काम कर रही है.
यूक्रेन ने रूस के आरोपों को किया खारिज
वहीं रूस के इन आरोपों को यूक्रेन ने खारिज किया है. ट्विटर पर यूक्रेन ने विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि, हम भारत, पाकिस्तान, चीन और दूसरे देशों की सरकारों से अपील करते हैं कि वो मॉस्को से मांग करें कि उनके छात्रों को यूक्रेन के दूसरे शहरों में जाने के लिए सुरक्षित कॉरिडोर की इजाजत दी जाए. ये छात्र खारकिव और सुमी में रूसी आक्रमण की वजह से बंधक बने हुए हैं.
यूएन में वोट न करने से तो नाराज नहीं है यूक्रेन
रूस के इन आरोपों और हाल ही में भारतीयों के साथ यूक्रेन पुलिस के दुर्व्यवहार के वीडियो सामने आने के बाद अब चर्चा हो रही है कि कहीं यूक्रेन का यह व्यवहार भारत के यूएन में वोट न करने की वजह से तो नहीं है. कहीं यूक्रेन इस नाराजगी में तो ऐसा नहीं कर रहा है.
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