Russia Ukraine War: बमबारी और टैंकों के शोर के बीच कीव के अंडरग्राउंड शेल्टर में हुआ बच्ची का जन्म, यूक्रेन सरकार ने नाम दिया ‘फ्रीडम’
Russia Ukraine War: विदेश मंत्रालय ने कहा, “पहले (हमारी जानकारी के अनुसार) शिशु का जन्म कीव के एक शेल्टर में हुआ था. जमीन के नीचे, जलती हुई इमारतों और रूसी टैंकों के बगल में."
Russia Ukraine War: यूक्रेन में जंग के शोलों के बीच कीव के एक शेल्टर में आश्रय लेने वाली एक महिला ने बच्ची को जन्म दिया है. यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर इस बच्ची की तस्वीर शेयर की है और कहा है कि इस बच्ची को ‘आजादी’ नाम दिया जाएगा.
विदेश मंत्रालय ने ट्वीट में लिखा, “पहले (हमारी जानकारी के अनुसार) शिशु का जन्म कीव के एक शेल्टर में हुआ था. जमीन के नीचे, जलती हुई इमारतों और रूसी टैंकों के बगल में... हम उसे आज़ादी कहेंगे! यूक्रेन में विश्वास करें #StandWithUkrain
First (to our knowledge) baby was born in one of the shelters in Kyiv. Under the ground, next to the burning buildings and Russian tanks… We shall call her Freedom! 💛💙 Believe in Ukraine, #StandWithUkraine pic.twitter.com/gyV7l2y9K1
— MFA of Ukraine 🇺🇦 (@MFA_Ukraine) February 26, 2022
बता दें यूक्रेन में रूसी हमले के बाद से भगदड़ जैसी स्थिति बन गई है. रूसी सेनाओं ने कई शहरों को अपना निशाना बनाया है. लोगों को सुरक्षित आश्रय की उम्मीद दिख रही है वहीं जा रहे हैं. कीव या यूक्रेन के बड़े शहरों में रहने वाले लेगों ने सबवे (मेट्रो स्टेशन) के नीचे पनाह ली हुई है. लोगों को उम्मीद है कि यहां शरण लेने पर रूसी बम उन्हें नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे.
पड़ोसी देशों में जा रहे हैं लोग
बड़ी संख्या में लोग पड़ोसी देशों में जा रहे हैं. द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद यूरोप की सबसे बड़ी जमीनी जंग में शनिवार को रूस की हमलावर सेना के राजधानी कीव की तरफ आगे बढ़ने से हजारों की संख्या में यूक्रेन के लोग भागकर सीमा पर पहुंचे थे. रात के अंधेरे में कुछ लोग पैदल चलकर कई मील की दूरी तय की, तो कुछ लोग ट्रेन, कार या बस से पहुंचकर सीमा पर लगी मीलों लंबी कतार का हिस्सा बने.
इस दौरान सीमा पर सरकार द्वारा संचालित स्वागत केंद्रों पर प्रतीक्षारत रिश्तेदार और दोस्त किसी अपने के आने पर उनका स्वागत करते दिखे. यूक्रेन पर बिना उकसावे के किए गए रूसी हमले के खिलाफ दुनियाभर में आक्रोश है.
फिलहाल यूक्रेन से पलायन करने वाले लोगों को भरपूर समर्थन मिल रहा है. पोलैंड जैसे कई देश यूक्रेन के शरणार्थियों का बिना शर्त स्वागत कर रहे हैं, लेकिन पिछले कई सालों से ये देश संघर्ष और गरीबी के कारण मध्य पूर्व और अफ्रीका से आये शरणार्थियों को स्वीकार करने से मना करते आए हैं. संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने शनिवार को कहा कि करीब 1.2 लाख यूक्रेन के नागरिक अब तक पोलैंड और अन्य पड़ोसी देशों में पलायन कर चुके हैं.
पोलैंड ने अपनी सीमा को यूक्रेन से पलायन करने वालों के लिए खुला घोषित कर दिया है. पोलैंड बिना आधिकारिक दस्तावेज और कोविड-19 की निगेटिव जांच रिपोर्ट देखे बिना यूक्रेन के लोगों को अपने देश में आने दे रहा है.