Russia Ukraine War: युद्धग्रस्त यूक्रेन से भारतीयों को वापस लाने के लिए वैकल्पिक रास्ता अपनाया जा रहा है. इस बीच सूत्रों ने बताया कि यूक्रेन में मौजूद सभी भारतीयों से कहा गया है कि निकासी अभियान के लिए आवाजाही करते समय अपने वाहन पर भारतीय झंडा लगाएं और इंडिया लिखें ताकि उनकी पहचान सुनिश्चित हो सके. यह निर्देश खासतौर पर कॉन्फ्लिक्ट ज़ोन के लिए दिए गए हैं.


भारतीयों की वतन वापसी को लेकर शुक्रवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा से फोन पर बात की. इस बातचीत के बाद जयशंकर ने कहा कि उन्होंने (कुलेबा) वर्तमान स्थिति का अपना आकलन साझा किया, मैंने इस बात पर जोर दिया कि भारत समाधान निकालने के लिए कूटनीति और बातचीत का समर्थन करता है. जयशंकर ने कहा कि छात्रों सहित भारतीयों के हालात पर मैंने चर्चा की. उनकी सुरक्षित वापसी के लिए उनके समर्थन की सराहना करते हैं.


यूक्रेन में करीब 20 हजार भारतीय फंसे हैं. इनमें से काफी संख्या में छात्र हैं. भारत, यूक्रेन की हंगरी, पोलैंड, स्लोवाकिया और रोमानिया सीमाओं के जरिये भारतीयों को निकालने की कोशिश में है क्योंकि रूसी आक्रमण के बाद यूक्रेन सरकार ने अपनी वायु क्षेत्र बंद कर दिया है.



रूस की सेना ने दावा किया है कि उसने यूक्रेन की राजधानी कीव के बाहर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण एक विमानतल को अपने कब्जे में ले लिया है. इसके साथ ही रूसी सैनिकों ने कीव में प्रवेश करना शुरू कर दिया है. होस्तोमेल के हवाई अड्डे पर एक लंबा रनवे है जो भारी मालवाहक विमानों की उड़ानों को संभाल सकता है. इसके कब्जे में आने से रूस कीव के बाहरी इलाकों में सीधे अपने सैनिक उतार सकता है.


होस्तोमेल, कीव से मात्र सात किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित है. रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मेजर जनरल इगोर कोनाशेन्कोव ने शुक्रवार को कहा कि रूसी सैनिकों ने होस्तोमेल पर उतरने के लिए 200 हेलीकॉप्टरों का सहारा लिया और यूक्रेन के 200 से सैनिकों को मार गिराया. कोनाशेन्कोव ने दावा किया कि रूसी सैनिकों को कोई नुकसान नहीं हुआ हालांकि, यूक्रेन का दावा है कि लड़ाई के दौरान बड़ी संख्या में रूसी सैनिक मारे गए हैं.


यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों ने बताया कैसे गुजरा दिन, क्या हैं हालात, abp न्यूज ने की Exclusive बातचीत