रूस-यूक्रेन जंग पर UNGA में आयोजित होगा 'आपातकालीन विशेष सत्र', UNSC में फिर वोटिंग से बाहर रहा भारत
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने यूक्रेन पर UNGA में एक आपातकालीन विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने यूक्रेन पर UNGA में एक आपातकालीन विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया है. इस संबंध में 15 सदस्य देशों में से 11 ने पक्ष में मतदान किया जबकि केवल रूस ने इसके खिलाफ मतदान किया. चीन, भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने मतदान में भाग नहीं लिया. बता दें कि अमेरिका के समयनुसार UNGA के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद 28 फरवरी 2022 की सुबह 10 बजे न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में महासभा के 11वें विशेष सत्र की अध्यक्षता करेंगे. इससे पहले 1950 से अब तक महासभा के ऐसे केवल 10 सत्र आहूत किये गए हैं.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी. एस. तिरुमूर्ति ने कहा, "सीमा पार से संघर्ष और अनिश्चित स्थितियों से हमारे निकासी प्रयासों पर प्रभाव पड़ा है. यह मानवीय आवश्यकता है जिसे संबोधित किया जाना चाहिए. परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हमने आज के मतदान से खुद को बाहर रखने का फैसला किया है."
यूक्रेन पर UNSC की बैठक में तिरुमूर्ति ने कहा, "हिंसा को समाप्त करने के अपने आह्वान को दोहराते हैं. हम दोनों पक्षों द्वारा बेलारूस सीमा पर पक्ष रखने की घोषणा का स्वागत करते हैं. हम यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंतित हैं."
वहीं, UNSC में रूसी संघ के प्रतिनिधि ने कहा, "रूसी सेना यूक्रेन में नागरिकों के लिए खतरा नहीं है, वे नागरिक बुनियादी ढांचे पर गोलाबारी नहीं कर रहे हैं. नागरिकों के लिए खतरा अब यूक्रेनी राष्ट्रवादियों द्वारा उत्पन्न किया गया है, जिन्होंने मानव ढाल के रूप में उपयोग करने के लिए बंधकों को प्रभावी ढंग से जब्त कर लिया है."
यूएनएससी में यूक्रेन ने कहा कि 27 फरवरी तक दुश्मन (रूस) के लगभग 4,300 सैनिक मारे गए और 200 से अधिक को युद्धबंदी के रूप में लिया गया है. हालांकि, रूस इससे इनकार करता है. यूक्रेन ने कहा कि रूसी सैनिकों के रिश्तेदारों के लिए एक हॉटलाइन खोली थी, पहले घंटे के दौरान रूसी माताओं के 100 से अधिक कॉल प्राप्त हुए.
यूक्रेन पर UNSC की बैठक में अमेरिकी प्रतिनिधि ने कहा, "आज सुबह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस के परमाणु बलों को हाई अलर्ट पर रखा है. वे ऐसा तब कर रहे हैं जब वह बिना परमाणु हथियार वाले देश पर हमला कर रहे हैं और नाटो से कोई खतरा नहीं है."
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