रूस-यूक्रेन युद्ध हर दिन के साथ खतरनाक होता जा रहा है. लाखों की तादाद में महिलाएं और बच्चे दूसरे देशों में शरण लेने को मजबूर हैं. युद्ध से खुद को बचाना भी खतरनाक होता जा रहा है. मीडिया ने खबर दी है कि यूक्रेन की शरणार्थी महिलाओं और लड़कियों के साथ उन जगहों पर बलात्कार किया जा रहा है जहां वह सुरक्षा की उम्मीद में पहुंची थीं.


24 फरवरी, 2022 को रूस के हमले के बाद से यूक्रेन छोड़ने वाले 36 लाख यूक्रेनी लोगों में लगभग सभी महिलाएं और बच्चे हैं. 18 से 60 वर्ष की उम्र के पुरुषों और लड़कों को रूसी सेना के खिलाफ देश की रक्षा के लिए यूक्रेन में रहना जरूरी है.


नागरिकों को निशाने पर लेकर किए जा रहे रूसी हमलों से बचने के लिए, ये महिलाएं और बच्चे मुख्य रूप से पोलैंड और अन्य यूरोपीय देशों का रुख कर रहे हैं, जहां वीजा बंदिशों में नरमी है. यूनाइटेड किंगडम ने एक नई नीति की घोषणा की जो यूक्रेनियन को बिना शुल्क अपने घर में रखने वाले स्थानीय लोगों को हर महीने लगभग 455 डॉलर का अनुदान देगी.


मानवीय संगठनों ने यूक्रेनी शरणार्थियों को भोजन और आश्रय जैसी ज़रूरतें देने के लिए कई कार्यक्रम चलाए हैं. लेकिन ये प्रयास, चाहे कितने भी अच्छे क्यों न हों, यूक्रेनी महिलाओं और लड़कियों के लिए यौन हिंसा और तस्करी के नए जोखिम भी पैदा हो रहे हैं. हालांकि मदद की पेशकश करने वाले अधिकांश सामान्य लोग नेक इरादे वाले होते हैं, लेकिन मौके का फायदा उठाकर किसी को किसी तरह का नुकसान पहुंचाने का एक मामला भी अपने आप में बहुत हैं. यूक्रेनी लड़कियां आसरे के लिए जिन देशों में पहुंच रही हैं, उन देशों में निवासियों द्वारा उनके साथ दुर्व्यवहार किए जाने की भी खबरें हैं. पोलैंड में, एक व्यक्ति को मार्च के मध्य में एक 19 वर्षीय यूक्रेनी शरणार्थी के साथ बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.


पोलिश पुलिस ने एक बयान में कहा कि वह यूक्रेन से भागी थी और पोलिश बोलना नहीं जानती थी. उसने एक ऐसे शख्स पर विश्वास किया, जिसने उसे मदद और आश्रय देने का वादा किया था. लेकिन उस शख्स ने इसका गलत फायदा उठाया. वहीं जर्मनी में भी यूक्रेन की लड़की पर यौन हमले का मामला सामने आया है. दो पुरुषों ने उसके साथ छेड़छाड़ की. 


संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि यूक्रेन से भागने वाले बच्चों, खास तौर से परिवार से अलग हुए बच्चों को यौन शोषण या काम कराने के लिए तस्करी के बड़े जोखिम का सामना करना पड़ रहा है. अब तक, कम से कम 500 यूक्रेनी बच्चे 24 फरवरी से 14 मार्च के बीच अपने आप यूक्रेन से सीमा पार करके रोमानिया पहुंच चुके हैं. अभी और के आने की संभावना है.


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