यूक्रेन में रूस की ओर से किए गए हमले के खिलाफ दुनिया के कई देशों में लोग उसका विरोध कर रहे हैं. रूसी राष्ट्रपति इस विरोध का एक प्रमुख चेहरा हैं. रूस-यूक्रेन सीमा पर पिछले दो दिनों से लगातार युद्ध चल रहा है.
रूस की राजधानी मॉस्को समेत विश्व के कई देशों में उसका विरोध किया जा रहा है. यही नहीं रूस के करीब 53 शहरों में इस युद्ध के खिलाफ बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. ये लोग युद्ध का विरोध करते हुये बातचीत के जरिये मसले हल करने की मांग कर रहे हैं.
रूस की संसद के सामने हजारों प्रदर्शनकारियों ने किया हमले का विरोध
गुरुवार को मॉस्को के पुश्किन चौराहे पर हजारों लोग इकट्ठा हो गये और हाथ में 'युद्ध नहीं चाहिये' के नारे लिखे पोस्टर हाथ में लेकर विरोध कर रहे थे. रूस की पुलिस ने करीब 400 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इसके अलावा रूस की संसद के बाहर भी बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी जमा हुये थे.
जार्जिया में भी हुआ रूसी हमले का विरोध
जार्जिया में प्रदर्शनकारियों ने राजधानी मे रूस के खिलाफ प्रदर्शन करते हुये जार्जिया के प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग की. प्रदर्शनकारियों का तर्क था कि बाकी देशों के तरह आखिर क्यों जार्जिया ने उस पर कोई आर्थिक प्रतिबंध क्यों नहीं लगाये हैं.
प्रदर्शनकारियों 'इस्तीफा' लिखे झंडे हाथ में लिये हुये थे और एक बैनर पर हस्ताक्षर कर रहे थे. वहीं, नॉटो हेडक्वार्टर के बाहर भी यूक्रेन प्रदर्शनकारी खड़े होकर नॉटो के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. प्रदर्शनकारी इस युद्ध में यूक्रेन को अकेला छोड़ दिये जाने के कारण प्रदर्शन कर रहे थे. उन्होंने पुतिन आतंकवादी है लिखे पोस्टर हाथ में ले रखे थे.
ताइवन में रूसी हमले का किया गया विरोध
ताइवान में भी यूक्रेन पर किये गये हमले का विरोध किया गया. ताइवान के स्लाव समुदाय के दर्जनों सदस्य यूक्रेन के साथ एकजुटता दिखाने के लिए शुक्रवार दोपहर ताइपे शहर के एक सड़क के किनारे पर एकत्र हुए क्योंकि पूर्व सोवियत गणराज्य ने रूस पर आक्रमण जारी रखा था.