Russia Ukraine Conflict: जी-7 देशों के नेताओं ने शुक्रवार (24 फरवरी) को रूस से यूक्रेन में अपनी लड़ाई खत्म करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के मौलिक सिद्धांतों व मानवाधिकार के प्रति सम्मान पर हमला है. रूस को अब इस युद्ध को बंद कर देना चाहिए.


जी-7 में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल है. जी-7 के नेताओं की शुक्रवार को हुई वर्चुअल बैठक के बाद इस समूह ने एक संयुक्त बयान में कहा कि रूस की तरफ से बार-बार दिए जा रहे गैर जिम्मेदाराना परमाणु हमले संबंधी बयान अस्वीकार्य हैं और उसे रासायनिक, जैविक, विकिरण या परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने पर गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. बता दें कि यह बैठक अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुलाई थी.


रूस से कहा- युद्ध की जिम्मेदारी उठाए


जी-7 देशों के नेताओं ने इस समूह के बीच विभिन्न कदमों के क्रियान्वयन और रूस को इस समूह के आर्थिक फायदों से वंचित रखने के लिए ‘प्रवर्तन समन्वय तंत्र’ की स्थापना की घोषणा की, उन्होंने कहा, ‘‘ यह सुनिश्चित करने के लिए हम अपना प्रयास जारी रखेंगे कि रूस यूक्रेन के दीर्घकालिक पुनर्निर्माण का भार उठाए. रूस ने यूक्रेन के खिलाफ जो लड़ाई छेड़ रखी है और वह अहम बुनियादी ढांचों पर और अन्य तरह का जो भी नुकसान उसे पहुंचा रहा है, उसकी पूरी जिम्मेदारी वह उठाए.’’


अमेरिका कई और प्रतिबंधों की करेगा घोषणा


यूक्रेन युद्ध के एक साल होने पर अमेरिका रूस के आय वाले कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की घोषणाएं कर रहा है. ‘व्हाइट हाउस’ ने कहा, ‘‘इसके परिणामस्वरूप रूस और रूस के बाहर के 200 से अधिक लोगों और संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे जो रूस के युद्ध का समर्थन कर रहे हैं.’’ अमेरिका रूस के कुछ वित्तीय संस्थानों, उससे जुड़े भागीदारों, रूसी अधिकारियों तथा यूक्रेन में अवैध तरीके से संचालित कई अन्य संस्थाओं के खिलाफ पाबंदी की भी घोषणाएं करेगा.


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