Russia Germany Relations: रूस से व्यापारिक संबंध फिर शुरू कर सकता है जर्मनी, लेकिन चांसलर ने रखी ये शर्त
Olaf Scholz: शोल्ज ने पहले भी कहा है कि यूक्रेन पर आक्रमण के जवाब में रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को पश्चिमी देश तब तक नहीं हटाएंगे जब तक कि मॉस्को अपने सैनिकों को वापस नहीं ले लेता है.
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Russia Germany Tension: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को 9 महीने से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन इसके खत्म होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. युद्ध को खत्म करने के लिए अब भी तमाम देश अपने अपने स्तर पर कोशिशों में लगे हुए हैं. इसी कड़ी में अब जर्मनी ने रूस को एक ऑफर दिया है. जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज (Olaf Scholz) ने सोमवार को कहा कि ‘अगर क्रेमलिन यूक्रेन में अपना युद्ध समाप्त कर देता है तो जर्मनी और रूस के बीच आर्थिक सहयोग फिर से संभव हो सकता है.’
शोल्ज ने अपने हाल के एक भाषणों में कहा है कि यूक्रेन पर आक्रमण के जवाब में रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को पश्चिमी देश तब तक नहीं हटाएंगे जब तक कि मॉस्को अपने सैनिकों को वापस नहीं ले लेता और कीव के साथ शांति समझौता नहीं कर लेता. शोल्ज ने अपनी बातों को एक बार फिर दोहराया है.
जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने यह भी कहा
शोल्ज ने रूस पर पश्चिमी प्रतिबंधों का जिक्र करते हुए पूर्वी यूरोपीय आर्थिक संबंधों को लेकर जर्मन समिति से कहा, ''इस समय हमारे संबंध लगभग खत्म हैं लेकिन रूस अगर युद्ध को समाप्त करता है तो उसे नए सिरे से आर्थिक सहयोग का मौका दिया जाना चाहिए.''
जर्मनी-रूस के बीच पहले ऐसे थे व्यापारिक संबंध
जर्मनी और रूस के बीच जिन सामानों का व्यापार प्रतिबंध से पहले होता था, उसमें मुख्य रूप से कच्चा माल, गाड़ियां और मशीनरी शामिल है. 2021 में जर्मनी ने 19.4 अरब यूरो का तेल और गैस रूस से खरीदा था. इसके साथ ही रूस ने 4.5 अरब यूरो के धातु, 2.8 अरब यूरो के कोक और रिफाइंड पेट्रोलियम प्रोडक्ट और 2.2 अरब यूरो का कोयला जर्मनी को बेचा था. प्रतिबंध के बाद जर्मनी को भी दिक्कतें हो रही हैं. दरअसल, जर्मनी के सामने बड़ी समस्या ऊर्जा को लेकर है. जर्मनी अपनी ऊर्जा जरूरतों का 25 फीसदी हिस्सा प्राकृतिक गैस से पूरा करता है. बाकी के लिए उसकी निर्भरता रूस पर ही थी.
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