(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Russia Ukraine War: अगर 2023 में भी नहीं थमी पुतिन की सनक तो ये पांच मोड़ ले सकता है युद्ध
Ukraine War: रूसी राष्ट्रपति पुतिन अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों पर इस जंग को भड़काने का आरोप लगाते रहे हैं. रूस और यूक्रेन (Ukraine) के बीच शांति वार्ता को लेकर फिलहाल कोई संकेत नहीं दिख रहे.
Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच 10 महीने से अधिक वक्त से खूनी जंग जारी है. इस युद्ध में यूक्रेन (Ukraine) के कई इलाके तबाह हो चुके हैं. हजारों निर्दोष लोगों की जानें गईं हैं. इसके अलावा लाखों की संख्या में लोग पलायन के लिए मजबूर हुए हैं. इस युद्ध में दोनों देशों के सैनिकों को नुकसान पहुंचा है. यूक्रेन की सेना भी रूसी सैनिकों (Russian Army) के साथ डंटकर मुकाबला कर रही है. जंग के खत्म होने के फिलहाल कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिख रहे हैं.
क्या 2023 में भी जारी रहेगी जंग?
रूस और यूक्रेन के बीच जंग 2023 में भी जारी रहने की संभावना बन सकती है. कुछ ही दिन पहले ही रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा था कि उनके 50 हजार से अधिक जवान वॉर फ्रंट पर तैनात हैं, जबकि ढाई लाख सैनिकों को आक्रमण के लिए तैयार किया जा रहा है. अभी 2023 की शुरूआत हुई है. जहां तक इस साल भी जंग के जारी रहने या न रहने का सवाल है, ये ठंड के बाद रूसी सैनिकों की ओर से होने वाले अटैक पर निर्भर करेगी.
2023 में क्या मोड़ ले सकता है युद्ध?
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ये साफ कर चुके हैं कि जीत से कम पर वो मानने वाले नहीं. यूक्रेन शांति का पक्षधर तो है लेकिन युद्ध में वो भी डंटकर मुकाबला कर रहा है. यूक्रेन की सरकार इस बात की घोषणा कर चुकी है कि उसकी सेना भी आख़िरी दम तक पीछे नहीं हटेगी. दोनों पक्ष जब अड़े हुए हैं तो बातचीत की संभावना भी कमजोर नजर आती है. शांति के लिए किसी पक्ष को अपनी रणनीति बदलने की जरूरत होगी.
सर्दी खत्म होने के बाद नए सिरे से अटैक?
बीबीसी की एक रिपोर्ट में ब्रिटेन के स्ट्रेटेजिक स्टडीज के एसोसिएट डायरेक्टर माइकल क्लार्क का कहना है कि ठंड का मौसम उनके लिए अभिशाप ही साबित हुआ है, जिन्होंने यूरेशियाई घास के मैदानों यानी द ग्रेट स्टेपीज के उस तरफ जाकर किसी दूसरे देश पर आक्रमण का प्रयास किया. पुतिन की ये योजना ही सकती है कि ठंड समाप्त होने तक इंतजार करे और फिर अपने सैनिकों को नए सिरे से अटैक के लिए तैयार करे
लंबा खींच सकता है जंग?
एक्सपर्ट मानते हैं कि यूक्रेन के सैनिक इस ठंड के मौसम में भी आगे बढ़ने के मामले में रूस की सेना से बेहतर साबित हो रही है और उम्मीद जताई जा रही है कि वो कुछ नहीं तो डोनबास क्षेत्र में रूस पर दबाव बनाने में सफल रहेंगे. यूक्रेन की सेना और आम लोगों का हौसला पस्त करने के लिए पुतिन की सेना बुनियादी ढांचों पर हमले तेज कर सकती है. यूक्रेन भी अगर डंटकर मुकाबला करता रहा तो जंग और लंबा खींच सकती है.
ठंड में रूस की सेना पर भारी यूक्रेन?
यूक्रेन इस योजना पर भी काम कर सकता है कि वो नीप्रो नदी के पूर्वी हिस्से में रूस और क्रीमिया के बीच जोड़ने वाले सड़क और रेल लाइन पर भी दबाव बनाए. ठंड में यूक्रेन के सैनिक रूस से बेहतर स्थिति में रहेंगे क्योंकि उसे ब्रिटेन, कनाडा और जर्मनी की ओर से सर्दियों में इस्तेमाल होने वाले बेहतर साजो सामान उपलब्ध हैं.
रूस पर और बढ़ सकता है दबाव
पश्चिमी देश अगर यूक्रेन (Ukraine) के समर्थन में लगातार डंटकर खड़े रहते हैं तो रूस (Russia) के लिए स्थिति खराब हो सकती है. युद्ध में जानमाल के अधिक नुकसान होने पर रूस की सरकार पर अपने ही देश में दबाव बढ़ सकता है और उसे युद्ध (Ukraine War) से पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है.
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