Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध से नाटो की दूरी पर पहली बार बोले बाइडन, कहा- 'नाटो और रूस के बीच सीधा टकराव तीसरे विश्व युद्ध को देगा जन्म'
Russia Ukraine Crisis: रूस और यूक्रेन के युद्ध को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति ने बड़ा बयान दिया है. बाइडन ने पहली बार ये कहा है कि नाटो और रूस का सीधा टकराव तीसरे विश्व युद्ध को जन्म दे सकता है.
Russia Ukraine Conflict: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुए 15 दिन हो चुके हैं, लेकिन यह टकराव खत्म होता नहीं दिख रहा है. रूस की तरफ से लगातार यूक्रेन पर बमबारी की जा रही है. यूक्रेन के कई शहर खंडहर में तब्दील हो चुके हैं. यूक्रेन लगातार अमेरिका और नाटो से दखल देने की मांग कर रहा है, लेकिन अब तक अमेरिका और नाटो दोनों ही युद्ध में शामिल होने से बच रहे हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने पहली बार इस बात का खुलासा किया है कि आखिर क्यों नाटो या अमेरिका इस युद्ध से दूर है. जो बाइडन ने शुक्रवार को बताया कि नाटो और रूस का सीधा टकराव तीसरे विश्व युद्ध को जन्म दे सकता है. ऐसे में अब साफ है कि क्यों नाटो और अमेरिका खुलकर यूक्रेन के सपोर्ट में युद्ध में शामिल नहीं हो रहे.
रूस लगातार दे चुका है धमकी
बता दें कि युद्ध शुरू होने से पहले और युद्ध के शुरू होने के बाद भी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कई बार अमेरिका और नाटो के सदस्य देशों को धमकी दे चुके हैं कि अगर कोई भी देश यूक्रेन से चल रहे युद्ध में शामिल होगा उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. युद्ध शुरू होते ही पुतिन ने अपनी परमाणु टीम को भी अलर्ट पर डाल दिया था. इससे भी कई देश चिंतित हो गए थे. रूस शक्तिशाली देश है और उसके समर्थन में भी कई देश हैं. अगर यूक्रेन के अलावा कोई और देश इस युद्ध में शामिल होता है तो समस्या और बढ़ सकती है और यह युद्ध दो देशों से हटकर विश्व युद्ध का रूप ले लेगा.
Direct confrontation between NATO and Russia would trigger World War III: President Joe Biden
— Press Trust of India (@PTI_News) March 11, 2022
ब्रिटेन ने और दिखाई सख्ती
ब्रिटेन की सरकार ने रूसी संसद के निचले सदन ड्यूमा के 386 सदस्यों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. ड्यूमा के इन सभी सदस्यों ने रूस द्वारा यूक्रेन के लुहांस्क और दोनेत्स्क प्रांतों को स्वतंत्र गणराज्य के रूप में मान्यता देने में अहम भूमिका निभाई थी. ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल एवं विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने शुक्रवार को इन प्रतिबंधों की घोषणा करते हुए कहा कि इसके तहत रूसी सांसदों को ब्रिटेन की यात्रा करने, ब्रिटेन में अपनी संपत्ति का उपयोग करने और कारोबार करने की मनाही होगी.
ये भी पढ़ें