Russia Ukraine War: रूस के रक्षा मंत्रालय का दावा- यूक्रेन के चार लड़ाकू विमान मार गिराए
यूक्रेन पर रूसी सेना के हमलों का आज दसवां दिन है. यूक्रेन के राष्ट्रपति आवास पर एक रॉकेट का टुकड़ा गिरा हुआ मिला है जिसे वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की पर किया गया हमला बताया जा रहा है.
राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के कार्यालय का कहना है कि फ्रांस, यूक्रेन की पांच परमाणु साइट की सुरक्षा सुनिश्चित करने के संबंध में जल्द ही कारगर उपायों वाला प्रस्ताव पेश करेगा. फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि ये सुरक्षा उपाय अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी द्वारा निर्धारित मानदंडों पर आधारित होंगे. बयान में कहा गया कि मैक्रों परमाणु सुरक्षा के बारे में बेहद चिंतित हैं.
एएफपी के प्रवक्ता के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायल के पीएम नफ्ताली बेनेट ने यूक्रेन को लेकर क्रेमलिन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की.
रूस के रक्षा मंत्रालय ने ज़ाइटोमिर क्षेत्र के ऊपर हवाई लड़ाई में चार यूक्रेनी Su-27 जेट को मार गिराने का दावा किया है.
रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि रूस, यूक्रेन और कीव शासन में राष्ट्रवादियों के साथ लंदन के सहयोग के साथ-साथ रूसी सेना के खिलाफ इस्तेमाल किए जा रहे हथियारों की सप्लाई को नहीं भूलेगा.
यूक्रेन में फंसे भारतीयों की स्वदेश वापसी को लेकर लगातार अभियान चलाया जा रहा है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस मुद्दे पर एक हाई लेवल मीटिंग कर रहे हैं.
युद्ध के 10वें दिन रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने दावा करते हुए कहा है कि ऑपरेशन का लक्ष्य हम पूरा करके रहेंगे. उन्होंने कहा कि हम यूक्रेन का सैन्य ठांचा तबाह कर चुके हैं. यूक्रेन पर ऑपरेशन शुरू करना कठिन था. यूक्रेन अगर डानबास लौटा दे तो शांति.
दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 13,000 से ज्यादा नागरिक भारत पहुंच चुके हैं और उड़ानें आ रही हैं. इसका चुनावों पर भी और लोगों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ा. हम इस मुद्दे को जनवरी से ही देख रहे थे. हमने 15 फरवरी को एक एडवाइजरी जारी की थी. हमने रूसी-भाषी टीमों को आसपास के चार देशों में भेजा और एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया. 4 मार्च तक हम यूक्रेन से 16,000 नागरिकों को बाहर निकालने में सफल रहे.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची के मुताबिक पिछले 24 घंटों में करीब 2900 लोगों को 15 उड़ानों के जरिए निकाला गया है. अब तक लगभग 13,300 लोग यूक्रेन से भारत लौट चुके हैं. अगले 24 घंटों में करीब 13 उड़ानों के जरिए बचे हुए भारतीयों को निकाला जाएगा. विदेश मंत्रालय ने कहा कि अब हम देखेंगे कि कितने लोग यूक्रेन में अभी भी हैं. दूतावास उन लोगों से संपर्क करेगा, जो हैं लेकिन उनकी संख्या रजिस्टर नहीं हुई है. पिसोचिन में हमने 298 छात्रों को स्थानांतरित कर दिया है, आज तक निकासी प्रक्रिया के पूरा होने की उम्मीद है.
विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए कहा है कि पिसोचिन और खार्किव से हम अगले कुछ घंटों में सभी को बाहर निकालने में सक्षम होंगे. अब तक हमें पता चला है कि खार्किव में कोई नहीं बचा है. हमारा मुख्य ध्यान अब सुमी पर है. परिवहन की कमी और हिंसा हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है. ऐसे में सबसे अच्छा विकल्स सीजफायर होगा.
रूस के मॉस्को टाइम्स के मुताबिक एयरोफ्लॉट ने 8 मार्च से सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रोक दिया.
यूक्रेन से लौटे छात्र आकाश ने कहा, मैं खार्किव में फंसा हुआ था, हम पश्चिमी यूक्रेन के लिए ट्रेन में सवार हुए. हमने अपने जोखिम पर यात्रा की क्योंकि स्थिति इतनी भयानक है कि कोई भी हमें वहां से नहीं निकाल सकता था. युद्ध हमारी शिक्षा की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा रहा है.
अंतरराष्ट्रीय प्रवास संगठन ने कहा है कि युद्ध शुरू होने के बाद यूक्रेन छोड़ कर जाने वाले लोगों की संख्या बढ़ कर 14.5 लाख पहुंच गई है. यूक्रेन से लोग जिन देशों में पहुंचे हैं, वहां की सरकारों से प्राप्त आंकड़ों का हवाला देते हुए संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने शनिवार को कहा कि उनमें से 7,87,300 लोग पोलैंड गए हैं. इसके अलावा करीब 2,28,700 लोग मोल्डोवा, 1,44,700 लोग हंगरी, 1,32,600 लोग रोमानिया और 1,00,500 लोग स्लोवाकिया गये हैं. एजेंसी ने कहा कि 138 देशों के नागरिक यूक्रेन की सीमा पार कर पड़ोसी राष्ट्रों में गये हैं.
सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘‘सभी देशों, चाहे वे बड़े हों या छोटे, की संप्रभुता, राजनीतिक स्वतंत्रता एवं क्षेत्रीय अखंडता का अवश्य ही सम्मान किया जाना चाहिए.’’ इसमें कहा गया है कि इन प्रतिबंधों का लक्ष्य युद्ध छेड़ने या ‘साइबर आक्रमण’ की रूस की क्षमता को कमजोर करना है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि रूस ने जिस इलाके में संघर्षविराम की घोषणा की है वहां निकासी अभियान रुक गया है.
रूस की तरफ से कहा गया है कि यूक्रेन से चीन के नागरिकों को निकालने में वो चीन की मदद करने के लिए तैयार है.
मारियुपोल सिटी काउंसिल के मुताबिक मारियुपोल से निकासी स्थगित हो गई है. फायरिंग बंद न होने के चलते आबादी की निकासी स्थगित कर दी गई है. सभी मारियुपोल निवासियों को एक आश्रय में छिपने के लिए कहा जाता है. बातचीत चल रही है, अतिरिक्त जानकारी बाद में दी जाएगी. पुलिस अधिकारियों को लाउडस्पीकर से भी सूचना दी जाएगी.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर कहा रोमानिया और मोल्दोवा से पिछले 7 दिनों में 6222 भारतीयों को निकाला गया है. छात्रों को बुखारेस्ट (सीमा से 500 किमी) ले जाने के बजाय सुसेवा (सीमा से 50 किमी) में उड़ानें संचालित करने के लिए नया हवाई अड्डा मिला. अगले 2 दिनों में 1050 छात्रों को घर भेजा जाएगा.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची एक ट्वीट में कहा कि हम यूक्रेन के सुमी में भारतीय छात्रों को लेकर बहुत चिंतित हैं. हमारे छात्रों के लिए एक सुरक्षित गलियारा बनाने के लिए तत्काल युद्धविराम के लिए कई चैनलों के माध्यम से रूसी और यूक्रेनी सरकारों पर जोरदार दबाव डाल रहे हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि हमने अपने छात्रों को सुरक्षा सावधानी बरतने, आश्रयों के अंदर रहने और अनावश्यक जोखिम से बचने की सलाह दी है. मंत्रालय और हमारे दूतावास छात्रों के नियमित संपर्क में हैं.
भारतीय दूतावास की तरफ से कहा गया है कि पिसोचिन में हम अपने 298 छात्रों तक पहुंच रहे हैं. पिसोचिन यूक्रेन में खार्किव ओब्लास्ट के खार्किव रायन में एक शहरी-प्रकार की बस्ती है. बसें रास्ते में हैं और जल्द ही आने की उम्मीद है. कृपया सभी सुरक्षा निर्देशों और सावधानियों का पालन करें. सुरक्षित रहें मजबूत बनें.
यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने कहा कि मुझे विश्वास है कि जल्द ही हम अपने लोगों से कह सकेंगे. वापस आ जाओ. पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाकिया और अन्य सभी देशों से वापसी होगी. हम कह सकेंगे वापस आ जाओ, क्योंकि अब कोई खतरा नहीं है.
खारकीव से निकले पोलैंड पहुंचे प्रत्यूष चौरसिया का कहना है कि, कई छात्र अभी भी खारकीव में फंसे हुए हैं. उन्होंने कहा, हम एक मार्च को बमबारी और गोलाबारी के बीच यूक्रेन से निकले थे. पोलैंड सीमा पार करने के बाद भारतीय सरकार ने हमें मदद दी.
एयर इंडिया की छठी फ्लाइट 182 भारतीय छात्रों को बुडापेस्ट से मुंबई लेकर आयी है. छात्रों का एयरपोर्ट पर इंतजार कर रहे परिजन भावुक होते दिखे तो वहीं छात्रों ने भी राहत की सांस ली.
यूक्रेन की तरफ से जारी बयान में दावा किया गया है कि रूसी सेना ने कीव के करीब फायंगिर की है जिसमें 6 की मौत हो गई है. वहीं, मृतकों में एक बच्चे के भी शामिल होने की बात सामने आ रही है.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि यूक्रेन पर रूस का हमला केवल इस देश (यूक्रेन) पर हमला नहीं है बल्कि यूरोप और वैश्विक शांति पर हमला है.
रूस ने सीजफायर का एलान कर दिया है. भारती समय के अनुसार 11.30 सीजफायर लागू होगा. यूक्रेन में मारियुपोल और वोल्नोवाखा में सीजफायर लागू होगा. ग्रीन कॉरिडोर बनाने के लिए सीजफायर का एलान हुआ है.
यूक्रेन के सूमी में जबरदस्त बमबारी शुरू हो गई है. पूरे शहर से धमाकों की आवाज सुनाई पड़ रही है. वही, लगातार लोगों से सुरक्षित जगह पहुंचने को कहा जा रहा है. शहर के लोग दहशत में हैं. बता दें, सूमी में इस वक्त बड़ी संख्या में भारतीय छात्र मौजूद हैं.
सूमी में फंसे भारतीय छात्रों ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा कि, यहां करीब 500 छात्र हैं जो फंसे हुए हैं. हम यहां से निकल नहीं पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि, "अभी तक एंबेसी हम तक पहुंची नहीं है सूमी से अभी छात्रों का रेस्क्यू नहीं हुआ है." एक अन्य छात्र ने कहा कि, हम ये सब एक आद दिन और झेल पाएंगे इससे ज्यादा और झेला नहीं जाएगा. उन्होंने कहा मानसिक क्षमता और शारीरिक क्षमता इसे और झेलने की बची नहीं है.
यूक्रेन ने दोनेत्सक में फायरिंग के साथ बमबारी की है. बता दें, रूस ने दोनेतस्क को अलग देश घोषित किया था.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो रूस के खिलाफ नए प्रतिबंधों का समन्वय करने और यूक्रेन के लिए समर्थन दिखाने के लिए मार्च 6-11 से यूरोप का दौरा करेंगे. ट्रूडो यूनाइटेड किंगडम, लातविया, जर्मनी और पोलैंड की यात्रा करेंगे, जिसकी घोषणा 4 मार्च को प्रधानमंत्री कार्यालय ने की थी.
यूक्रेन ने एक बार फिर युद्धभूमि से लोगों को बाहर निकालने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाने की बात की है. इसके साथ ही ये भी कहा है कि ये तभी संभव है जब रूस सीजफायर के लिए राजी हो. यूक्रेन का कहना है कि सीजफायर के बगैर लोगों को यूक्रेन से सुरक्षित बाहर निकालना मुमकिन नहीं होगा.
दसवें दिन लगातार रूस यूक्रेन युद्ध जारी है. युद्ध भूमि से बड़ी खबर ये है कि राजधानी कीव में फिर हवाई हमले का अलर्ट जारी किया गया है, लगातार लोगों को अलर्ट करने के लिए सायरन बजाया जा रहा है.
ऑपरेशन गंगा के तहत IAF ने अब तक 2,056 यात्रियों को वापस लाने के लिए 10 उड़ानें भरी हैं.
रूस को दुनिया से अलग-थलग करने की पूरी कोशिशें की जा रही हैं. जंग के बीच अमेरिका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस यूक्रेन और अमेरिकी सहयोगियों के समर्थन में अगले हफ्ते पोलैंड और रोमानिया के दौरे पर जाएंगी.
सूमी में फंसे भारतीय छात्रों में शामिल सारांश जैन भी शामिल हैं जिन्होंने आपबीती सुनाते हुए कहा, "हम लोग शुरुआत से ही सूमी में फंसे हुए हैं. अभी तक यहां से एक भी स्टूडेंट का रेस्क्यू नहीं हुआ है. साराशं ने बताया कि वो जहां अन्य भारतीय छात्रों के साथ रह रहे हैं वहां रोज बम धमाके हो रहे हैं. बीती रात भी कई बम धमाकों की आवाज़ उन्होंने आसपास से ही सुनी हैं.
सूमी में रूसी सेना और यूक्रेन सेना के बीच भीषण लड़ाई जारी है. इस दौरान यूक्रेन ने सूमी के सभी लोगों से सुरक्षित ठिकानों पर जल्द से जल्द पहुंचने को कहा है. बता दें, बड़ी संख्या में भारतीय छात्र वहां पर मौजूद हैं.
रूस-यूक्रेन की जंग पर अमेरिका ने बड़ा दावा करते हुए कहा है कि, रूस ने जंग के पहले हफ्ते 500 से ज्यादा मिसाइल दागी हैं. अमेरिका ने कहा कि अलग-अलग तरह की मीसाइलों से ये हमला किया गया है.
यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को लेकर एक स्पेशल फ्लाइट दिल्ली एयरपोर्ट पहुंची है. यहां छात्रों ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि, "हमारे लिए वहां रहना बहुत कठिन था. हम भारत सरकार का धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने हमें वहां से निकाला और वापस ले आए. अपने घर लौटकर हम बहुत खुश हैं"
रूस यूक्रेन में मनोबल तोड़ने के लिए सरेआम फांसी (Public Executions) की योजना बना रहा है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक लीक हुए दस्तावेज़ कथित तौर पर इस तरफ संकेत करते हैं कि रूस की फेडरल सेक्यूरिटी सर्विस (Federal Security Service) ने लोगों का मनोबल तोड़ने के लिए यूक्रेन के शहरों में सरेआम फांसी देने की योजना तैयार की है.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने सेना पर 'फर्जी खबर' के लिए एक कानून पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. इसके तहत मामले के आरोपी को 15 साल तक की जेल हो सकती है.
NEXTA की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस में पुतिन ने फेसबुक, ट्विटर के बाद अब YouTube पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.
ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन से 229 भारतीय नागरिकों को लेकर एक विशेष इंडिगो फ्लाइट रोमानिया के सुसेवा से दिल्ली पहुंची है. नागरिकों ने भारत लौट कर राहत की सांस ली.
खारकीव से बड़ी खबर आ रही है जहां जंग अब भी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है. एक बार फिर यूक्रेन की सेना ने कमबैक किया है जिसका दावा खुद यूकेन की ओर से किया गया. कई दिनों से रूस की सेना खारकीव में ताबड़तोड़ आसमानी हमले कर रही है लेकिन अब एक बार फिर यूक्रेन की सेना ने पलटवार किया है जिसका दावा यूक्रेनी सेना कर रही है.
सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स का कहना है कि उन्होंने रूस को शिपमेंट, 'भू-राजनीतिक विकास के कारण' निलंबित कर दिया है. उन्होंने कहा, मानवीय प्रयासों का सक्रिय रूप से समर्थन करने के लिए "क्षेत्र के आसपास" उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स में $1 मिलियन सहित $ 6 मिलियन का दान कर रहा है: कीव इंडिपेंडेंट
रोमानिया के एयरपोर्ट पर मौजूद कीव से निकलने भारतीय छात्रों ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए बताया कि रेलवे स्टेशन पर कम से 10 हजार लोग मौजूद थे और ट्रेन स्टाफ केवल यूक्रेनियन लोगों को ट्रेन में घुसने दे रहा था हम भारतीयों को धके मारे जा रहे थे. उन्होंने बताया कि हम खुद लड़ झगड़कर ट्रेन में चढ़े हैं. बता दें, अब ये छात्र रोमानिया से भारत के लिए लौट रहे हैं.
खारकीव और कीव में एक बार फिर धामके की आवाज़े सुनाई दे रही हैं. एक और तस्वीर सामने आई है जिसमें एक बिल्डिंग के पास से धुआं उठते दिख रहा है. शहरों में अलार्म लगातार बज रहे हैं और लोगों को सेफ जगह पहुंचने के लिए कहा जा रहा है
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यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने एक वीडियो जारी कर दावा किया है कि उनकी सेना ने रूसी टैंक पर हमला कर उड़ा दिया है. जानकारी के मुताबिक, एंटी टैंक मिसाइल सिस्टम से रूसी टैंक को उड़ाया गया है.
एक तरफ जहां यूक्रेन के राष्ट्रपति आवास के बाहर रॉकेट गिरा है, वहीं रूस की तरफ से दावा किया जा रहा है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की देश छोड़कर निकल चुके हैं. रूस के सरकारी मीडिया हाउस स्पूतनिक ने ये दावा किया है. इसमें बताया गया है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति ने पोलैंड में शरण ली है. हालांकि यूक्रेन की तरफ से इस दावे को खारिज किया गया है. यूक्रेन ने कहा है कि जेलेंस्की ने देश नहीं छोड़ा है और वो अब भी यूक्रेन में ही हैं.
बैकग्राउंड
Russia-Ukraine War: यूक्रेन पर रूसी सेना के हमलों का आज दसवां दिन है. कल जंग के नौंवे दिन की शुरुआत एक ऐसी खबर से हुई, जिससे पूरी दुनिया दहल गई. खबर आई कि यूक्रेन के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र पर रूसी सेनाओं ने कब्जा कर लिया है. वहीं, बार-बार दावा किया जा रहा है कि, रूस राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की की हत्या करने की कोशिश कर रहा है. अब यूक्रेन के राष्ट्रपति आवास पर एक रॉकेट का टुकड़ा गिरा हुआ मिला है. जिसे यूक्रेन राष्ट्रपति पर किया गया हमला बता रहा है.
खुद राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने अपने आवास के बाहर गिरे इस रॉकेट को लेकर टिप्पणी की है. उन्होंने कहा है कि, इसका निशाना चूक गया... यानी एक बार फिर जेलेंस्की ने ये बताया है कि उन्हें मारने की कोशिश की गई है. इससे पहले भी एक रिपोर्ट में बताया गया था कि, जेलेंस्की को तीन बार मारने की कोशिश की गई थी. लेकिन वो हर बार किसी तरह बच गए.
रूस का दावा जेलेंस्की ने छोड़ा देश
एक तरफ जहां यूक्रेन के राष्ट्रपति आवास के बाहर रॉकेट गिरा है, वहीं रूस की तरफ से दावा किया जा रहा है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की देश छोड़कर निकल चुके हैं. रूस के सरकारी मीडिया हाउस स्पूतनिक ने ये दावा किया है. इसमें बताया गया है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति ने पोलैंड में शरण ली है. हालांकि यूक्रेन की तरफ से इस दावे को खारिज किया गया है. यूक्रेन ने कहा है कि जेलेंस्की ने देश नहीं छोड़ा है और वो अब भी यूक्रेन में ही हैं.
न्यूक्लियर प्लांट पर रूसी सेनाओं ने धावा बोला
बता दें, बीते दिन यूरोप का सबसे बड़ा परमाणु संयंत्र जैपोरिजिया न्यूक्लियर प्लांट यूक्रेन के एनर्होदार शहर में है. जंग के नौंवे दिन इस न्यूक्लियर प्लांट पर रूसी सेनाओं ने धावा बोला. इस हमले के बाद प्लांट के एक हिस्से में आग लग गई, जिससे पूरी दुनिया कई घंटों तक परमाणु खतरे के साए में आ गई. ये खतरा इतना बड़ा था कि यूक्रेन के राष्ट्रपति को खुद अलार्म बजाना पड़ा.
रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग में ये दूसरा मौका था, जब दुनिया पर परमाणु संकट खड़ा हुआ. इससे पहले जब रूसी सेनाओं ने चर्नोबिल में हमला बोला, तब भी परमाणु खतरे के बादल छाने लगे थे, लेकिन जैपोरिजिया पर हमले से पैदा हुआ खतरा, चर्नोबिल के मुकाबले 6 गुना ज्यादा था और ये पूरे यूरोप को खत्म करने की ताकत रखता था.
धमाका होता तो मिट जाता यूरोप!
रूस के हमले में जैपोरेजिया प्लांट के जिस हिस्से में आग लगी वो ट्रेनिंग वाला इलाका था. कुछ ही घंटों में इस आग पर काबू भी पा लिया गया, लेकिन इस दौरान ऐसी दहशत फैली कि दुनिया के सभी देश अलर्ट मोड में आ गए. फौरन रेडिएशन लीक की जांच हुई और फिर अंतरराष्ट्रीय एटॉमिक एनर्जी की ओर से बयान जारी करना पड़ा.
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