Russia Ukraine War: यूक्रेन पर रूसी हमले के चार सप्ताह पूरे हो चुके हैं. यूक्रेनी सैनिक भले ही संख्या बल में कम हों, लेकिन वे रूसी सैनिकों के सामने डटे हैं. यूक्रेन के विभिन्न इलाकों में अनगिनत लाशें बिछी हैं. युद्ध दूसरे माह में प्रवेश कर रहा है, लेकिन कीव पर विजय के रूसी मंसूबे पूरे नहीं हो सके है. 24 फरवरी को रूस ने जब यूक्रेन पर हमला शुरू किया था तब इसे यूरोप में द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा था और पश्चिमी देशों के हस्तक्षेप की स्थिति में परमाणु हमले की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता था.


भारी संख्या में मारे गये रूसी सैनिक
ऐसा लगता था कि रूसी हमले के सामने यूक्रेन जल्द ही घुटने टेक देगा, लेकिन बुधवार को इस युद्ध को चार सप्ताह पूरे हो गये, रूस हर दिन उलझता ही नजर आ रहा है. भारी संख्या में रूसी सैनिक भी मारे गये हैं और युद्ध के समाप्त होने के दूर-दूर तक आसार नजर नहीं आ रहे हैं.




रूस को एक ओर जहां खर्चीले सैन्य अभियान का संचालन करना पड़ रहा है. वहीं पश्चिमी देशों ने इस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाकर उसकी कमर तोड़ दी है. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके सहयोगी देशों के प्रतिनिधियों की इस सप्ताह ब्रसेल्स और वारसॉ में बैठक है और संभव है कि वारसॉ की बैठक में ये देश रूस पर और अधिक प्रतिबंध लगाए तथा यूक्रेन को सैन्य सहायता देने पर विचार करें.


कीव पर नहीं हो सका रूसी कब्जा
यूक्रेन की राजधानी कीव पर रूस लगातार निशाना लगा रहा है, लेकिन वह आज तक कीव को चारों ओर से घेर तक नहीं पाया है. कीव प्रशासन ने खबर दी है कि बुधवार को भी राजधानी गोलियों की आवाज और धमाकों से थर्राता रहा. उन्होंने बताया कि एक शॉपिंग मॉल और इमारत को निशाना बनाया गया, जिसमें चार लोग घायल हुए हैं. उधर बंदरगाहों का शहर मारियुपोल में तबाही का मंजर है.




यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि नभ, जल और थल तीनों ओर से रूसी प्रहार के कारण मारियुपोल तबाह हो चुका है और एक लाख नागरिक फंसे हुए हैं. उन्होंने कहा कि मारियुपोल में फंसे लोगों को मानवीय सहायता स्थापित करने के लिए कॉरिडोर बनाने का प्रयास भी नाकाम रहा है, क्योंकि रूसी सैनिक इस कोशिश को नाकाम कर रहे हैं.


इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेड क्रॉस के प्रमुख ने की मॉस्को की यात्रा
इस बीच, इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेड क्रॉस के प्रमुख ने बुधवार को रूस की राजधानी मॉस्को की यात्रा की है, ताकि युद्धबंदी यूक्रेनवासियों, सहायता पहुंचाने वालों तथा अन्य मानवीय कार्यों से जुड़े लोगों को छुड़ाने के लिए रूसी विदेश और रक्षा मंत्रालय से विचार विमर्श किया जा सके. उधर क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने जोर देकर कहा कि सैन्य अभियान ‘‘पहले तय किये गये उद्देश्यों और योजनाओं के अंतर्गत बदस्तूर जारी है.’’


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