Russia Ukraine War Update: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच यूक्रेनी बंदरगाह शहर मारियुपोल (Mariupol) में एक नया रूसी शहर (Russian City) बनाया जा रहा है. यूक्रेन के मारियुपोल शहर पर मई में रूस के कब्जे के महीनों बाद यह कदम उठाया गया है. गौरतलब है कि मारियुपोल में युद्ध के दौरान हजारों लोगों की जान चली गई थी. एपी की एक इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट में पाया गया है कि कम से कम एक यूरोपीय कंपनी के सामान के साथ मारियुपोल के खंडहरों पर एक नया रूसी शहर बनाया जा रहा है.
रूसी कर्मचारी मारियुपोल शहर में बमबारी से क्षतिग्रस्त बिल्डिंगों में से रोजाना एक को तोड़ रहे हैं. वो वहां मलबे के साथ-साथ बिखरी हुई लाशों को दूर ले जा रहे हैं. कभी संपन्न रहा एक शहर अब रूसी सैनिकों, बिल्डरों, अधिकारियों और डॉक्टरों के साथ गैरीसन शहर बनने के रास्ते पर है. ये उन हजारों यूक्रेनियनों की जगह ले रहे हैं, जो युद्ध में मारे गए या फिर इसे छोड़कर चले गए.
मारियुपोल का इतिहास मिटाने में जुटा रूस
रूस यूक्रेनी शहर के इतिहास से जुड़ी सभी निशानियों को मिटा रहा है. रूस ने यूक्रेनी शहर की सड़कों के नाम बदलकर सोवियत नाम कर दिए हैं. शहर के नाम की घोषणा करने वाले बड़े चिन्ह को रूसी झंडे और रूसी स्पेलिंग के लाल, सफेद और नीले रंग से फिर से रंग दिया गया है. इतना ही नहीं एवेन्यू मारियुपोल के नाम को बदल दिया गया है, जिसे अब लेनिन एवेन्यू कहा जाएगा .
एपी के अनुसार, मारियुपोल में कुछ स्कूल खुले हैं, जिनमें रूसी सिलेबस पढ़ाया जा रहा है. इसके अलावा वहां पर फोन और टेलीविजन नेटवर्क अब रूसी हो गए हैं. यूक्रेनी मुद्रा खत्म हो रही है और मारियुपोल अब मास्को के टाइम जोन में है.
मारियुपोल में मची तबाही
रूसियों के लिए मारियुपोल शुरुआत से ही उसके अहम टारगेट में से एक था. बता दें कि मारियुपोल आजोव के सागर पर एक बंदरगाह है और रूसी आपूर्ति लाइनों के लिए महत्वपूर्ण है. शहर पर लगातार हवाई हमलों और तोपखाने की मार पड़ी और नागरिकों का संपर्क टूट गया. रूसी हमलों की वजह से मारियुपोल के नागरिकों का भोजन और पानी बंद हो गया.
हालांकि, मारियुपोल ने आसानी से हार नहीं मानी. मई में 86 दिनों के बाद आखिरी यूक्रेनी लड़ाकों ने आत्मसमर्पण किया. तब तक शहर यूक्रेनी प्रतिरोध का प्रतीक बन गया था. रूसी सेना के साथ संघर्ष की वजह से मारियुपोल पूरी तरह नष्ट हो गया. एपी की रिपोर्ट से पता चला कि मारियुपोल के आसपास कम से कम 10,300 नई कब्रें बिखरी पड़ी हैं और संभावना है कि हजारों शव कभी भी कब्रिस्तान तक नहीं पहुंचे. अनुमान के मुताबिक, मारियुपोल में कम से कम 25,000 लोग मारे गए थे.
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