Russia Ukraine Conflict: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने सोमवार को कहा कि उन्हें अब ऐसा नहीं लगता कि फ्रांस (France), जर्मनी (Germany) और कीव (Kyiv) की सहमति के साथ 2015 की एक महत्वपूर्ण योजना यूक्रेन के अलगाववादी संघर्ष को हल करने में सक्षम होगी. 


पुतिन ने अपनी सुरक्षा परिषद को बताया, "हम समझते हैं कि 2015 मिन्स्क शांति समझौते (2015 Minsk peace accords)-बेलारूस की राजधानी में यूक्रेन की सेना और देश के पूर्व में मॉस्को समर्थक विद्रोहियों के बीच लड़ाई को समाप्त करने के लिए बनी सहमति- के कार्यान्वयन के लिए कोई संभावना नहीं है."


रूस-यूक्रेन तनाव चरम पर
पुतिन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब रूस-यूक्रेन तनाव चरम पर पहुंच गया है. रविवार को रूस ने यूक्रेन की उत्तरी सीमाओं के पास सैन्य अभ्यास बढ़ा दिया था. उसने यूक्रेन की उत्तरी सीमा से लगे बेलारूस में करीब 30,000 सैनिकों की तैनाती की है. साथ ही यूक्रेन की सीमाओं पर 1,50,000 सैनिकों, युद्धक विमानों और अन्य साजो-सामान की तैनाती कर रखी है. कीव की आबादी करीब 30 लाख है.


यूक्रेनी सेना दी थी एक सैनिक के मौत की सूचना 
बता दें यूक्रेन की सेना ने शनिवार को हफ्तों में एक सैनिक की पहली मौत की सूचना दी थी और मॉस्को समर्थित विद्रोहियों पर तेजी से बढ़ते हमलों का आरोप लगाया था. पूर्वी यूक्रेन के लिए संयुक्त सैन्य कमान ने कहा था कि रूसी सीमा के पास दो अलगाववादी क्षेत्रों में चल रहे संघर्ष क्षेत्र में एक सैनिक घातक छर्रे लगने से मारा गया. यूक्रेन की आपातकालीन सेवा ने कहा कि शुक्रवार को हमलों की एक लहर के दौरान उसके दो कर्मचारी घायल हो गए. दूसरी तरफ विद्रोही नेताओं ने यूक्रेनी सशस्त्र बलों पर अपने दो अलगाववादी क्षेत्रों को बलपूर्वक वापस लेने की कोशिश करने का आरोप लगाया. हालांकि कीव ने इससे इनकार किया. 


विद्रोहियों ने दिया सैन्य लामबंदी का आदेश
शनिवार को पूर्वी यूक्रेन में एक अलगाववादी नेता ने आक्रमण के बढ़ते डर के बीच पूर्ण सैन्य लामबंदी का आदेश दिया था. दोनेत्स्क क्षेत्र में रूस समर्थित अलगाववादी सरकार के प्रमुख डेनिस पुशिलिन ने शनिवार को एक बयान जारी कर पूर्ण सैन्य लामबंदी की घोषणा की और रिजर्व बल के सदस्यों से सैन्य भर्ती कार्यालय में आने का अनुरोध किया.  हाल के दिनों में क्षेत्र में यूक्रेन की सेना और रूस समर्थित विद्रोहियों के बीच हिंसा बढ़ने के बाद यह कदम उठाया गया है. इस हिंसा को लेकर पश्चिम देशों ने आशंका जतायी है कि मॉस्को इसकी आड़ में हमला कर सकता है.


दोनेत्स्क और लुहांस्क में अलगाववादी प्राधिकारियों ने शुक्रवार को महिलाओं, बच्चों तथा बुजुर्गों को पड़ोसी रूस भेजने की घोषणा की थी. इन प्रयासों के तुरंत बाद विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाकों में कई विस्फोट हुए थे. पूर्वी यूक्रेन में अलगाववादी संघर्ष 2014 में शुरू हुआ और इसमें 14,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं.


यह भी पढ़ें:


Russia Ukraine Crisis: रशियन आर्मी का दावा- रूसी क्षेत्र में घुस आए 5 यूक्रेनी, ‘तोड़फोड़ करने वालों’ को मार गिराया


टाइमलाइन: रूस-यूक्रेन विवाद में अब तक क्या-क्या हुआ, यहां पढ़ें पूरा घटनाक्रम