Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल-हमास जंग से हुई तबाही को दुनिया देख चुकी है. चारों देशों के बीच हुए मिशाइल और ड्रोन हमलों ने लाखों जिंदगियां तबाह कर दी. हजारों लोगों की जानें चली गईं और लाखों लोगों को घर छोड़ना पड़ा. ऐसी स्थिति के बावजूद दुनिया बम के ढेर बनाने में जुटी है. जिस रफ्तार से दुनिया बम और मिसाइलों का निर्माण कर रही है, इससे यही लगता है कि अब दुनिया के देश सिर्फ जंग चाहते हैं. हाल में हुए जंग के बाद दुनिया के कई देशों ने युद्ध सामग्री को तेजी से बढ़ाना शुरू कर दिए हैं. इसमें सबसे आगे उत्तर कोरिया और जापान हैं. उत्तर कोरिया जहां मिसाइलों का जखीरा बढ़ा रहा है, वहीं अमेरिका के साथ मिलकर जापान  इंटरसेप्टर मिसाइलों का निर्माण तेजी से कर रहा है.


जिस गति से ये देश हथियारों का निर्माण कर रहे हैं, इससे रूस-यूक्रेन युद्ध में और बड़ा महा संग्राम हो सकता है. इन मिसाइलों की वजह से यूक्रेन में जंग तेज हो सकती है और दोनों देश एक दूसरे को और तबाह कर सकते हैं. रॉयटर्स की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग ने साउथ कोरिया की सीमा पर 250 परमाणु सक्षम मिसाइलों को तैनात करने का निर्देश दिया है. इन मिसाइलों को बकायदा उत्तर कोरियाई पीपुल्स आर्मी को सौंप दिया गया है. 


साउथ कोरिया की बढ़ी चिंता
किम जोंग के इस कदम के बाद साउथ कोरिया के लिए खतरा बढ़ गया है. इसके साथ ही यूक्रेन जंग और भी भड़क सकती है. दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के प्रवक्ता भी इस मुद्दे को लेकर बोल चुके हैं. प्रवक्ता ली सुंग-जून ने बताया कि उत्तर कोरियाई डेवलपमेंट से दक्षिण कोरिया के लिए खतरा बढ़ गया है. रॉयटर्स की रिपोर्ट की मानें तो इन मिसाइलों को किम जोंग के मुताबिक डिजाइन किया गया है. माना ये जा रहा है कि हमला करने के लिए इन मिसाइलों को तैनात किया गया है. इस तैनाती के बाद अमेरिका की भी चिंताएं बढ़ गई हैं. 


अमेरिका को आंख दिखा रहा नॉर्थ कोरिया
नॉर्थ कोरिया का कहना है कि अमेरिका न्यूक्लियर बेस्ड मिलिट्री ब्लॉक बना रहा है, ऐसे में उत्तर कोरिया ने मजबूर होकर इन मिसाइलों को तैनात किया है. दरअसल, किम जोंग का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिका और साउथ कोरिया के बीच वार्षिक सैन्य अभ्यास होना है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर कोरिया के इन कदमों का उद्देश्य अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करना और सैन्य अभ्यास का जवाब देना है. उत्तर कोरिया का मानना है कि अमेरिका साउथ कोरिया के साथ मिलकर हमला करने की तैयारी कर रहा है. इसलिए दोनों देश युद्धाभ्यास कर रहे हैं. उत्तर कोरिया हमेशा से अमेरिका और साउथ कोरिया के बीच होने वाले सैन्य अभ्यास का विरोध करता रहा है. 


रूस की मदद कर रहा उत्तर कोरिया
दरअसल, उत्तर कोरिया लगातार रूस को मिसाइलें दे रहा है, जबकि अमेरिका लगातार यूक्रेन को मिसाइलें दे रहा है. साथ ही दोनों देश मिसाइलों का भंडार बढ़ा रहे हैं. ऐसे में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध और भी तेज हो सकता है, क्योंकि दोनों देश अपनी मिसाइल क्षमता को बढ़ा रहे हैं. माना जा रहा है कि उत्तर कोरिया लगातार रूस की मदद करता रहेगा, वहीं अमेरिका ने यूक्रेन की मदद करने की कसम खाई है. दूसरी तरफ रूस को ईरान से भी मिसाइलें मिल रही हैं. ऐसे में हथिहारों का जखीरा बढ़ना महाजंग की तरफ इशारा कर रहे हैं. 


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