रूस और यूक्रेन के बीच आज 21वें दिन भी लगातार भीषण युद्ध जारी है. अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की ओर से लगाए गए तमाम प्रतिबंधों के बाद भी रूस युद्ध रोकने को तैयार नहीं. रूस की ओर से भारत को सस्ते में कच्चा तेल ऑफर देने के बाद इसे लेकर अमेरिका की प्रतिक्रिया सामने आई है. यह प्रतिक्रिया वाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने दी है.


जेन साकी ने कहा, भारत रूसी तेल पर छूट खरीदकर प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं कर रहा है लेकिन इस तरह के कदम से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को इतिहास के गलत पक्ष में डाल दिया जाएगा. दरअसल, अमेरिका द्वारा सभी रूसी ऊर्जा आयात पर प्रतिबंध लगाने के एक हफ्ते बाद कच्चे तेल समेत अन्य वस्तुओं को रियायती कीमतों पर खरीदने के लिए भारत की पेशकश पर विचार करने की रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर जेन साकी ने कहा कि जो बाइडेन प्रशासन का संदेश देशों के लिए हमारे नियमों का पालन करने के लिए होगा. 


उन्होंने कहा कि, मैं ये नहीं मानती कि ये किसी भी तरह प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रहा है लेकिन ये जरूर सोचा जाए कि आप कहा खड़े होना चाहते हैं. उन्होंने आगे कहा कि, जब इस समय इतिहास की किताबें लिखी जा रही हैं, रूसी नेतृत्व के लिए समर्थन विनाशकारी प्रभाव वाले आक्रमण का समर्थन है.


क्या है रूस का ऑफर


दरअसल अमेरिका और कई यूरोपीय देशों ने रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया है. इसके अलावा रूस पर कई और प्रतिबंध लगाए गए हैं. इन सब वजहों से उसे काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है. इसे देखते हुए रूस ने भारत को सस्ते में कच्चा तेल और अन्य कमोडिटीज आइटम उपलब्ध कराने की बात कही है. हालांकि भारत ने अभी इस ऑफर को स्वीकार नहीं किया है, लेकिन चर्चा है कि भारत इसे स्वीकार कर सकता है.


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