Russia-Ukraine Crisis: रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष अब एक अहम मोड़ पर पहुंच गया है. एक तरह रूस (Russia) ने यूक्रेन (Ukraine) पर अपने सैन्य हमले तेज कर दिए हैं. वहीं, यूक्रेन भी रूसी सेना का डटकर मुकाबला कर रहा है. इस बीच रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु (Sergei Shoigu) ने मंगलवार (4 अक्टूबर) को कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) द्वारा 21 सितंबर को एक लामबंदी अभियान की घोषणा के बाद से दो लाख से अधिक लोगों को रूसी सेना (Russian Army) में शामिल किया गया है. शोइगु ने एक टेलीविज़न प्रोग्राम के दौरान कहा कि आज तक दो लाख से ज्यादा लोग सेना में भर्ती हो चुके हैं.
रूस की लामबंदी का मकसद यूक्रेन में मॉस्को की सेना को आगे बढ़ाना है. सैन्य असफलताओं की एक श्रृंखला के बाद इसकी घोषणा की गई थी. क्रेमलिन ने लामबंदी को "आंशिक" कहा है और कहा है कि इसका लक्ष्य तीन लाख पुरुषों की भर्ती करना है. शोइगु ने कहा कि भर्ती किए गए लोगों को 80 प्रशिक्षण मैदानों और छह ट्रेनिंग सेंटरों में प्रशिक्षित किया जा रहा है.
लामबंदी के कारण पलायन हुआ तेज
हालांकि, कुछ ऐसी खबरें भी सामने आई जिसमें दावा किया गया कि क्रेमलिन की लामबंदी के कारण उसके विरोध में कई रूसी नागरिकों ने वहां से पलायन किया. हजारों की संख्या ने रूसी नौजवान देश छोड़कर दूसरे देशों में जाकर पनाह लेने पर मजबूर हैं. कजाकिस्तान ने मंगलवार (4 अक्टूबर) को कहा कि दो सप्ताह में 200,000 से अधिक रूसी हमारी सीमा में घुस गए. पुतिन ने पिछले हफ्ते पलायन कर रहे नागरिकों को रोकने के लिए अपने कदम पीछे खींचे और अधिकारियों से लामबंदी के साथ सभी गलतियों को सुधारने की निर्देश दिया.
यूक्रेन के खिलाफ उतारेंगे मैदान में
शोइगू ने मंगलवार को सैन्य और नौसेना कमांडर भर्ती किए गए लोगों को जल्द से जल्द युद्ध के लिए तैयार करने की मांग की. उन्होंने उनसे युद्ध के अनुभव वाले अधिकारियों के मार्गदर्शन में भर्ती किए गए नए लोगों के साथ अतिरिक्त प्रशिक्षण आयोजित करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि इन लोगों को ट्रेनिंग और युद्ध समन्वय के बाद ही लड़ाई के मैदान में भेजा जा सकता है. रूसी रक्षा मंत्री ने सेना के भर्ती केंद्रों से वोलियंटर को कोई गंभीर कारण नहीं होने पर नहीं छोड़ने का भी आह्वान किया.
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