Russia Ukraine War: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन संकट को लेकर सोमवार शाम को एक और उच्चस्तरीय बैठक की. बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय मंत्रियों हरदीप पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरेन रिजिजू, वी के सिंह के अलावा कई शीर्ष नौकरशाह मौजूद रहे.


बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यूक्रेन में सभी भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरा सरकारी तंत्र चौबीस घंटे काम कर रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत पड़ोसी और विकासशील देशों के उन लोगों की भी मदद करेगा जो पूर्वी यूरोप के युद्धग्रस्त देश में फंसे हैं.


बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने फोन पर रोमानिया और स्लोवाकिया के पीएम से बात की और यूक्रेन से भारतीयों की निकासी में सहायता के लिए उनका आभार जताया. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के मुताबिक, ''रोमानिया और स्लोवाकिया के नेताओं के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन में हिंसा व मानवीय संकट पर दुख जताया.''


पीएम मोदी युद्ध शुरू होने के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से भी फोन पर बात कर चुके हैं. 


पीएम मोदी ने दिन में भी बैठक की थी. इस बैठक में यूक्रेन से भारतीयों को निकालने की प्रक्रिया में समन्वय के लिए चार केंद्रीय मंत्रियों को युद्धग्रस्त देश के पड़ोसी देशों में भेजने का फैसला लिया गया. सिंधिया भारतीयों को यूक्रेन के निकालने के अभियान के लिए समन्वय का काम रोमानिया और मोल्दोवा से संभालेंगे, जबकि रिजिजू स्लोवाकिया जाएंगे. सूत्रों ने बताया कि पुरी हंगरी जाएंगे और सिंह भारतीयों को निकालने का प्रबंध करने के लिए पोलैंड जाएंगे.


अब तक यूक्रेन से करीब 8,000 भारतीयों के वापस निकाला गया है. बता दें कि यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण भारत वहां फंसे अपने नागरिकों को रोमानिया, हंगरी, पोलैंड और स्लोवाकिया से लगी उसकी (यू्क्रेन की) सीमा चौकियों के जरिए वहां से बाहर निकाल रहा है.


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