Russia-Ukraine War: राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के साथ युद्ध पर पश्चिमी देशों के साथ टकराव को रूस और रूसी लोगों के अस्तित्व की लड़ाई के रूप में प्रस्तुत किया है. पुतिन ने कहा कि उन्हें नाटो की परमाणु क्षमताओं को ध्यान में रखना पड़ा. गौरतलब है कि युद्ध में पश्चिमी देशों ने यूक्रेन की जमकर मदद की है. बता दें कि पिछले साल 24 फरवरी 2022 को जब रूस ने अचानक यूक्रेन पर हमला कर दिया तो हर कोई सन्‍न रह गया.


यूक्रेन पर आक्रमण का आदेश देने के एक साल बाद पुतिन आए दिन नए-नए प्रयोग कर रहे हैं. उनका मानना ​​​​है कि रूस और उसके लोगों का भविष्य संकट में है. रविवार को एक स्टेट चैनल को दिए इंटरव्यू में पुतिन ने बताया कि उनका सिर्फ एक लक्ष्य है. पूर्व सोवियत संघ और उसके मूलभूत भाग - रूसी संघ को भंग करना.  


पश्चिम रूस को विभाजित करना चाहता है: पुतिन 


इस दौरान पुतिन ने अमेरिका समेत पश्चिमी देशों पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि पश्चिम रूस को विभाजित करना चाहता है और फिर कच्चे माल के दुनिया के सबसे बड़े उत्पादकों को नियंत्रित करना चाहता है. पुतिन ने कहा कि मुझे यह भी नहीं पता कि रूसी लोगों के रूप में ऐसा जातीय समूह आज जिस रूप में मौजूद है, वो जीवित रहने में सक्षम होगा या नहीं. वहीं दूसरी तरफ संयुक्त राज्य अमेरिका ने इनकार किया है कि वह रूस को नष्ट करना चाहता है.


बाइडेन ने दी चेतावनी 


राष्ट्रपति जो बिडेन ने चेतावनी दी है कि रूस और नाटो के बीच संघर्ष विश्व युद्ध तीन को ट्रिगर कर सकता है, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पुतिन को सत्ता में नहीं रहना चाहिए. पुतिन ने कहा कि यूक्रेन को अरबों डॉलर की अमेरिकी और यूरोपीय सैन्य सहायता से पता चलता है कि रूस अब खुद नाटो का सामना कर रहा है. 


युद्ध को लेकर यूक्रेन का कहना है कि वह तब तक चैन से नहीं बैठेगा, जब तक कि क्रीमिया सहित यूक्रेन से हर अंतिम रूसी सैनिक को बाहर नहीं निकाल देगा, जिसे रूस ने 2014 में अपने में मिला लिया था. 


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