Russia-Ukraine Peace Summit: रूस-यूक्रेन के बीच पिछले ढाई साल से चल रहा युद्ध जल्द खत्म होते हुए नजर नहीं आ रहा है. इस वजह से यूक्रेन लगातार शांति समझौते पर जोर दे रहा है. इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगली शांति समझौते की बैठक के लिए भारत एक अच्छी लोकेशन हो सकता है. पिछली बार स्विट्जरलैंड में शांति शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया था. यूक्रेन को उम्मीद है कि इस शांति वार्ता के जरिए फरवरी, 2022 से चल रही जंग थम जाएगी.
जेलेंस्की का ये बयान ऐसे समय पर सामने आया है, जब कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन की एक दिवसीय यात्रा पूरी कर भारत लौटे हैं. वह पोलैंड से ट्रेन का सफर तय कर कीव पहुंचे थे, जहां उन्होंने राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि वह चाहते हैं कि दोनों ही देश मिलकर इस संघर्ष का समाधान निकालें. उन्होंने बातचीत पर जोर दिया था. पीएम मोदी ने यूक्रेन रवाना होने से पहले भी कहा था कि वह चाहते हैं कि इस देश में जल्द से जल्द शांति लौटे.
शांति वार्ता को लेकर जेलेंस्की के प्रस्ताव पर भारत ने बनाई नजर
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के जरिए दिए गए प्रस्ताव को काफी अहम माना जा रहा है. इसकी वजह ये है कि अगर यहां शांति वार्ता होती है और जंग रोकने पर सहमति बनती है तो इसे भारत की कूटनीतिक जीत माना जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, भारत अभी इस प्रस्ताव पर नजर बनाए हुए है. वह यह भी समझने की कोशिश कर रहा है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इससे कितना सहमत होंगे. क्या वह शांति शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत आएंगे, इसे भी अभी चेक किया जा रहा है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भारत को लेकर क्या कहा?
मीडिया से बात करते हुए जेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से कहा था कि शांति शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारत में की जा सकती है. जेलेंस्की ने बताया, "जहां तक शांति शिखर सम्मेलन का सवाल है, मेरा सचमुच मानना है कि दूसरा शांति शिखर सम्मेलन होना ही चाहिए. अच्छा होगा अगर इसे ग्लोबल साउथ देशों में से किसी एक में आयोजित किया जा सके."
उन्होंने आगे कहा, "हम इसे लेकर पूरी तरह से अपनी बात रख रहे हैं. सऊदी अरब, कतर, तुर्किये और स्विटजरलैंड जैसे देश हैं, हम फिलहाल इन देशों से शांति शिखर सम्मेलन की मेजबानी पर बात कर रहे हैं. मैंने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि हम भारत में वैश्विक शांति शिखर सम्मेलन आयोजित कर सकते हैं. यह एक बड़ा देश है, यह एक महान लोकतंत्र है-सबसे बड़ा."
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