यूक्रेन युद्ध के 37वें दिन जहां रुस ने अपने हमले तेज कर दिए हैं, वहीं रुसी नौसेना ने मेरियूपोल और यूक्रेन के दूसरे इलाकों की नेवल ब्लॉकेड यानि समुद्री नाकाबंदी कर रखी है. ये ब्लॉकेड इसलिए किया गया है ताकि यूक्रेन को समंदर के रास्ते कोई मदद न मिल सके. रुसी नौसेना ने जिस अजोव (एजोव) सागर में ये नाकाबंदी कर रखी है, वहां एबीपी न्यूज पहुंचा है.
रुस की राजधानी मॉस्को से करीब 1000 किलोमीटर की दूरी पर रोस्तोव ऑन डॉन शहर है. डॉनबास से सटे रुस के दक्षिणी इलाके में ही रोस्तोव शहर है. दुनिया के सबसे शैलो यानि कम गहराई वाले समंदर, अजोव सागर पर रोस्तोव बसा है. रोस्तोव शहर से गुजरने वाली डॉन नदी अजोव सागर में मिल जाती है, लेकिन यूक्रेन युद्ध के चलते इन दिनों सबसे संवदेनशील समंदर अजोव सागर बन गया है. अगर रोस्तोव ऑन डॉन अजोव सागर के पूर्व में है तो यूक्रेन का मेरियूपोल पश्चिमी छोर पर है. रोस्तोव से महज 121 किलोमीटर की दूरी पर है मेरियूपोल.
यूक्रेन का एक बड़ा पोर्ट-सिटी, मेरियूपोल उस डॉनबास इलाके का हिस्सा है, जहां पिछले एक महीने से भीषण जंग चल रही थी. जिसे रुस ने अब अपने अधिकार में कर लिया है. डॉनबास इलाके के दोनेत्सक और लुहांस्क को रुस के राष्ट्रपति, व्लादीमीर पुतिन 'आजाद' घोषित कर चुके हैं. पिछले एक महीने की लड़ाई में मेरियूपोल पूरी तरह तबाह हो गया है. इसी अजोव सागर से रुसी नौसेना ने अपनी जंगी जहाजों से मेरियूपोल पर मिसाइल दागी थी, तब जाकर रुस को एक निर्णायक जीत हासिल हुई थी.
ये अजोव सागर ब्लैक सी से सटा हुआ है और यहां अब रुसी नौसेना ने अपनी तैनाती काफी बढ़ा दी है, ताकि यूक्रेन को समंदर के रास्ते कोई मदद ना मिल सके. इसी अजोव सागर से रुसी नौसेना ने मेरियूपोल पर मिसाइल दागी थीं, तब जाकर रुस को यहां निर्णायक जीत हासिल की थी. एबीपी न्यूज की टीम जब एजोव सागर पहुंची तो यहां रुस के कॉमर्शियल शिप यानि जहाज, टैंकर और बोट यहां से गुजर रहे थे. ये सभी जहाज ब्लैक सी यानि काला सागर से अजोव पोर्ट पर पहुंच रहे थे. सभी पर रुस का लाल-सफेद और नीले रंग पर झंडा लगा था. अजोव सागर में बेहद खामोशी छाई हुई थी, लेकिन न जाने कब ये खामोशी शोलों में बदल जाए कोई नहीं जानता.
सी ऑफ अजोव दुनिया का सबसे शैलो यानि कम गहराई वाला समंदर है. क्रेच स्ट्रेट से ये समंदर ब्लैक सी से जुड़ जाता है. ब्लैक यी यानि काला सागर में भी रुस का जंगी बेड़े यूक्रेन के बेरोंडेयस्क और ओडेसा पोर्ट की ब्लॉकेड यानि नाकाबंदी करने में लगी है. साफ है कि रुस किसी भी तरह से यूक्रेन को समंदर से पूरी तरह काटने पर तुला है ताकि यूक्रेन एक लैंडलॉक देश बनकर रह जाए.
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