Russia Ukraine War: रूस (Russia) ने एक सदी में पहली बार अपने विदेश कर्च चुकाने में नाकाम (Default) रहा है. दरअसल रूस पर यूक्रेन (Ukraine) पर हमले करने के कारण अमेरिका (US) और उसके पश्चिमी सहयोगियों ने कड़े प्रतिबंध (Sanctions) लगाए हैं जिसकी वजह से मॉस्को (Moscow) विदेशी कर्जदारों को पेमेंट नहीं कर पा रहा है. महीनों तक, रूस ने इन प्रतिबंधों से बचने के रास्ते खोजे लेकिन रविवार को दिन के अंत में, 100 मिलियन डॉलर (10 करोड़ डॉलर) के ब्याज के भुगतान के लिए ग्रेस पीरियड खत्म हो गया. ब्याज चुकाने की डेडलाइन 27 मई थी और 26 जून तक ग्रेस पीरियड था.
वैश्विक वित्तीय प्रणाली से अलग-थलग हो गए हैं रूसी बैंक
मार्च की शुरुआत से अब तक देश के यूरोबॉन्ड्स में काफी अधिक गिरावट के साथ कारोबार किया. देश के केंद्रीय बैंक के विदेश भंडार फ्रीज हैं और सबसे बड़े बैंक वैश्विक वित्तीय प्रणाली से अलग-थलग हो गए हैं. बता दें रूस ने 24 फरवीर को यूक्रेन पर हमला किया था जिसके बाद दोनों देशों के बीच घमासान युद्ध जारी है.
रूस में मुश्किल आर्थिक हालात
अर्थव्यवस्था और बाजारों को पहले से ही हुए नुकसान को देखते हुए, यह डिफ़ॉल्ट भी अब ज्यादातर प्रतीकात्मक है क्योंकि देश दोहरे अंकों की मुद्रास्फीति और हाल के वर्षों में सबसे खराब आर्थिक संकुचन से गुजर रहा है.
‘हमारे पास है पैसा’
वहीं डिफ़ॉल्ट करार दिए जाने का रूस ने विरोध किया है. रूस का कहना है कि उनके पास किसी भी बिल चुकाने के लिए धन है लेकिन उसे भुगतान न करने के लिए मजबूर किया गया है.
1918 में कर्ज नहीं चुका पाया था रूस
बता दें आखरी बार एक सदी से भी अधिक समय पहले रूस विदेशी लोन नहीं चुका पाया था जब व्लादिमीर लेनिन (Vladimir Lenin) के नेतृत्व में बोल्शेविकों ने 1918 में ज़ारिस्ट-युग (Czarist-Era) के ऋण भार (Debt Load) को अस्वीकार कर दिया था.
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