(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Russia-Ukraine War: रूस का दावा- मारियुपोल के स्टील प्लांट में छिपे 959 यूक्रेनी सैनिकों ने इस सप्ताह किया सरेंडर
Russia-Ukraine War: पिछले महीने, मास्को ने हफ्तों की घेराबंदी के बाद मारियुपोल पर नियंत्रण का दावा किया था लेकिन सैकड़ों यूक्रेनी सैनिक अज़ोवस्टल स्टील प्लांट के नीचे भूमिगत सुरंगों में छिपे रहे.
Russia-Ukraine War: रूस के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि यूक्रेन के बंदरगाह शहर मारियुपोल के अज़ोवस्टल स्टील प्लांट में छिपे 959 यूक्रेनी सैनिकों ने इस सप्ताह आत्मसमर्पण कर दिया. मंत्रालय ने कहा, "पिछले 24 घंटों में, 694 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें 29 घायल हैं. मंत्रालय के मुताबिक 16 मई से अब तक कुल 959 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिनमें 80 घायल हुए हैं. मंत्रालय ने कहा कि मेडिकल ट्रीटमेंट की जरुरत वाले लोगों को रूसी-नियंत्रित नोवोआज़ोवस्क शहर के एक अस्पताल में ले जाया गया.
वहीं दूसरी तरफ कीव आत्मसमर्पण करने वाले यूक्रेनी लड़ाकों के आदान-प्रदान करने की उम्मीद कर रहा है, लेकिन रूस ने अभी तक पुष्टि नहीं की है कि वे प्रिजनर एक्सचेंज का हिस्सा होंगे या नहीं.
स्टील में छिपे रहे सैकड़ों सैनिक
बता दें पिछले महीने, मास्को ने हफ्तों की घेराबंदी के बाद मारियुपोल पर नियंत्रण का दावा किया था लेकिन सैकड़ों यूक्रेनी सैनिक विशाल अज़ोवस्टल स्टील प्लांट के नीचे भूमिगत सुरंगों में छिपे रहे. इस स्टील प्लांट को रूसी सैनिकों ने घेर लिया था.
कीव के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि वह स्टीलवर्क्स में रहने वाले अज्ञात कर्मियों को बचाने के लिए "सब कुछ " करेगा, लेकिन उसने यह स्वीकार किया कि कोई सैन्य विकल्प उपलब्ध नहीं है.
पहला वॉर क्राइम ट्रायल होगा शुरू
इस बीच एक निहत्थे नागरिक की हत्या के आरोपी रूसी सैनिक के खिलाफ वॉर क्राइम ट्रायल कीव में बुधवार को शुरू होगा. यह यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद पहला वॉर क्राइम ट्रायल होगा. 21 वर्षीय वादिम शिशिमारिन 28 फरवरी को उत्तरपूर्वी यूक्रेन में एक 62 वर्षीय व्यक्ति की मौत के मामले में कीव के सोलोमेन्स्की जिला अदालत में पेश होंगे. साइबेरिया के इरकुत्स्क के इस सैनिक को युद्ध अपराधों और पूर्व नियोजित हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा हो सकती है.
माना जा रहा है कि इस मामले के शुरू होने के बाद इस तरह के कई और ट्रायल शुरू हो सकते हैं. बता दें अंतर्राष्ट्रीय संस्थान भी रूसी बलों द्वारा किए गए दुर्व्यवहारों की अपनी जांच कर रहे हैं.
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