रूस ने दावा किया है कि उसने डोनबास क्षेत्र के दो प्रांतों में से एक प्रांत के 97 प्रतिशत हिस्से पर नियंत्रण कर लिया है और कोयला खदानों तथा कारखानों के गढ़ वाले क्षेत्र पर पूरी तरह से कब्जा करने के अपने लक्ष्य के करीब पहुंच गया है. रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने मंगलवार को कहा कि लुहान्स्क प्रांत के अधिकतर क्षेत्र मास्को की सेना के कब्जा में है और यूक्रेन के अधिकारियों और सैन्य विश्लेषकों के अनुसार, ऐसा प्रतीत होता है कि रूस का दोनेत्स्क प्रांत के लगभग आधे हिस्से पर कब्जा है.
रूस ने घोषणा की कि पूरे डोनबास को अपने कब्जे में करना उसका मुख्य उद्देश्य है. मास्को समर्थित अलगाववादी 2014 से डोनबास में यूक्रेनी सरकारी सुरक्षा बलों से लड़ रहे हैं और इस क्षेत्र को हाल के हफ्तों में रूसी हमले का खामियाजा भुगतना पड़ा है. युद्ध की शुरुआत में, रूसी सैनिकों ने पूरे खेरसॉन क्षेत्र और दक्षिण में जपोरिजिया क्षेत्र के एक बड़े हिस्से पर भी नियंत्रण कर लिया. रूसी अधिकारियों और उनके द्वारा नियुक्त स्थानीय अधिकारियों ने उन क्षेत्रों के लिए अपनी स्वतंत्रता की घोषणा करने या रूस में शामिल होने की योजना के बारे में बात की है.
रूस की सरकारी मीडिया ‘तास’ ने अपनी एक रिपोर्ट में मंगलवार को कहा कि खेरसॉन शहर के एक कैफे में एक विस्फोट में चार लोग घायल हो गए. रिपोर्ट में रूसी कब्जे वाले शहर में बमबारी को ‘‘आतंकवादी कृत्य’’ कहा गया. 24 फरवरी को रूस के आक्रमण से पहले यूक्रेन के अधिकारियों ने कहा था कि रूस ने क्रीमिया प्रायद्वीप, जिस पर रूस ने 2014 में कब्जा कर लिया था और दोनेत्स्क और लुहान्स्क में अलगाववादियों के कब्जे वाले क्षेत्रों सहित देश के लगभग सात प्रतिशत हिस्से को नियंत्रित कर लिया.
पिछले हफ्ते यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा था कि रूसी सेना ने देश के 20 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा किया है. जेलेंस्की ने मंगलवार देर रात अपने वीडियो संबोधन में कहा, ‘‘डोनबास की रक्षा जारी है.’’ जेलेंस्की ने कहा कि रूसियों को इतने प्रतिरोध का सामना करने की उम्मीद नहीं थी और अब वे अतिरिक्त सैनिकों और साजो सामान को लाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि खेरसॉन क्षेत्र में भी यही हाल है.
‘फाइनेंशियल टाइम्स सम्मेलन’ में शामिल होने से पहले जेलेंस्की ने युद्ध के मैदान में रूस को हराने की आवश्यकता पर जोर दिया, लेकिन यह भी कहा कि वह अभी भी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शांति वार्ता के लिए तैयार है. लेकिन अमेरिका के एक पूर्व वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ने कहा कि यह समय सही नहीं है.
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