RS-26 Rubezh: कीव पर अब तक के सबसे बड़े हमले की तैयारी में रूस, यूक्रेनी इंटेलिजेंस का दावा- न्यूक्लियर मिसाइल RS-26 से हो सकता है अटैक
Russia Ukraine Crisis: यूक्रेन इंटेलिजेंस का दावा है कि रूस इस मिसाइल को कपुस्टिन यार एयरबेस से लॉन्च कर सकता है. यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है. हालांकि, रूस ने इस पर कुछ नहीं कहा है.
Russia Ukraine War Latest News: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को तीन साल होने वाले हैं, लेकिन इनके बीच तनाव खत्म होता नहीं दिख रहा है. रूस की तरफ से लगातार मिसाइल हमला जारी है. अब खबर है कि रूस यूक्रेन पर एक बड़े हमले की तैयारी कर रहा है. यूक्रेन की इंटेलिजेंस का दावा है कि रूसी सेना अपने इंटरकॉन्टीनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल RS-26 Rubezh को यूक्रेन पर छोड़ने की तैयारी कर रहा है.
यूक्रेन इंटेलिजेंस ने ये भी दावा किया है कि रूस इस मिसाइल को कपुस्टिन यार एयर बेस से लॉन्च कर सकता है. इस इलाके को अस्त्रखान भी कहते हैं. बताया जाता है कि यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है, हालांकि, रूस हमले के दौरान परमाणु बम इसमें रखेगा, इसकी संभावना बहुत कम है.
क्यों मंडरा रहा है रूस के बड़े हमले का खतरा
दरअसल, यूक्रेन ने मंगलवार (19 नवंबर) को कथित तौर पर अमेरिका निर्मित ATACMS और बुधवार (20 नवंबर 2024) को ब्रिटेन की स्टॉर्म शैडो मिसाइलों से रूस पर हमला किया. यह लंबी दूरी की हवा से लॉन्च की जाने वाली मिसाइल है. एक मिसाइल का वजन 1300 kg होता है. 16.9 फीट लंबी मिसाइल की चौड़ाई 25 इंच और ऊंचाई 19 इंच होती है.
❗️Ukrainian monitor channels say that, POSSIBLY, Russians are preparing to launch the RS-26 from Kapustin (Astrakhan) in an experimental version.
— MAKS 24 🇺🇦👀 (@Maks_NAFO_FELLA) November 20, 2024
▪️Range is up to 6,000 km.
▪️Accuracy - 150 m.
▪️Starting weight - 50 tons.
▪️The weight of the warhead is 1.2 tons. pic.twitter.com/UZjs9VHPvQ
क्या है इस मिसाइल की खासियत
इस मिसाइल की रेंज 6,000 किलोमीटर तक है और इसका वजन अनुमानित 40-50 टन है. यह मिसाइल 24,500 km/hr की स्पीड से अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ता है. एक्सपर्ट बताते हैं कि इसे रोक पाना दुनिया के किसी भी एयर डिफेंस सिस्टम के वश की बात नहीं है. इसमें एक साथ 150/300 किलोटन के 4 हथियार लगाए जा सकते हैं. यानी ये मिसाइल MIRV तकनीक से लैस है. यानी एक साथ चार लक्ष्य पर हमला कर सकती है. यह मिसाइल Avangard हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल को ले जाने में भी सक्षम है. RS-26 कार्यक्रम कथित तौर पर 2006 में शुरू हुआ था. मिसाइल को पहली बार 27 सितंबर, 2011 को लॉन्च किया गया था.
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