रूस हर रोज यूक्रेन में दैनिक मानवीय गलियारे खोलेगा. द कीव इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट में यह बात कही गई है. रिपोर्ट के अनुसार, रूस ने हर दिन सुबह 10 बजे से दैनिक मानवीय गलियारे खोलने का वादा किया है लेकिन यह गलियारे केवल रूस (जाने) के लिए खोले जाएंगे. यह यूक्रेनी सरकार की अनुमति के बिना किया जाएगा. हालांकि, जब रूस यह वादा कर रहा है तभी उस पर रिहायशी क्षेत्रों में गोलाबारी करने का आरोप भी लग रहा है.


रूसी सैनिकों पर रिहायशी क्षेत्रों में गोलाबारी का आरोप
रूस के आक्रमण के बाद यूक्रेन से 20 लाख से ज्यादा लोगों ने यूरोप के दूसरे देशों में शरण ली है और उन्होंने युद्ध अपराध के मुकदमे के लिए सबूत भी जुटाए हैं. यूक्रेन के शहरों में रूसी सेना के आक्रमण तेज होने के साथ देश की सीमा पार करने वालों की संख्या भी बढ़ती चली गई. कीव छोड़कर आए इहोर दिकोव ने कहा कि उन्होंने रिहायशी क्षेत्रों में गोलीबारी की आवाज सुनी थी और सड़कों पर कई जगह शव पड़े हुए थे.


दिकोव ने कहा, ‘‘रूस ने सुरक्षित मानवीय गलियारा मुहैया कराने का वादा किया था लेकिन उसने ऐसा नहीं किया. वे निहत्थे लोगों पर गोलीबारी कर रहे हैं.’’ यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बुधवार को कहा कि बमबारी वाले क्षेत्रों में लोगों की निकासी के लिए तीन गलियारे बनाए गए और कुल मिलाकर लगभग 35,000 लोग बाहर निकाल लिये गए.


शरणार्थियों की बढ़ती संख्या के बीच प्रवासन के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठन ने कहा है कि यूक्रेन के भीतर कम से कम 10 लाख लोग विस्थापित हुए हैं. 


भारत ने यूक्रेन से निकाले अपने लोग
यूक्रेन से करीब 600 विद्यार्थियों समेत भारतीय नागरिकों के अंतिम जत्थे को लेकर तीन निकासी उड़ानें शुक्रवार सुबह भारत पहुंचने वाली हैं. इस घटनाक्रम से जुड़े लोगों ने यह जानकारी दी. भारत ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत पहले ही 17,000 भारतीयों को वापस ला चुका है. अब इन तीनों उड़ानों के निकासी मिशन पर आखिरी उड़ानें होने की संभावना है.


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