Russia Ukraine War: जर्मन समाचार पत्रिका डेर स्पीगल ने गुरुवार को बताया कि जर्मनी की खुफिया एजेंसी ने यूक्रेन के बुचा शहर में नागरिकों की हत्या पर चर्चा करने वाले रूसी सैन्य स्रोतों के रेडियो संदेशों को इंटरसेप्ट किया. पत्रिका ने कहा कि एजेंसी ने जानकारी के लिए कोई स्रोत दिए बिना बुधवार को संसद में निष्कर्ष प्रस्तुत किया. रॉयटर्स के मुताबिक जर्मन सरकार के प्रवक्ता ने स्पीगल रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
कीव के उत्तर-पश्चिम में 37 किमी (23 मील) दूर स्थित बुचा, यूक्रेन पर 24 फरवरी के हमले बाद एक महीने से अधिक समय तक रूसी सैनिकों के कब्जे में रहा. स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि अकेले बुचा में रूसी सेना द्वारा 300 से अधिक लोग मारे गए थे, और उनमें से लगभग 50 को फांसी दी गई. मॉस्को ने आरोपों से इनकार किया है.
इंटरसेप्ट में क्या पता लगा?
डेर स्पीगल के अनुसार, रेडियो संदेश ज्ञात मौतों के अनुरूप थे. एक इंटरसेप्ट में, एक सैनिक अपनी साइकिल से किसी को गोली मारने की चर्चा करता है. साइकिल के बगल में एक शव पड़ा हुआ था. स्पीगल ने कहा कि अतिरिक्त ध्वनि रिकॉर्डिंग भी थीं जिनकी भौतिक उत्पत्ति को जानना कठिन था, जो यह बताता है कि इसी तरह की घटनाएं अन्य यूक्रेनी शहरों में भी हुईं.
यूक्रेन की सरकार ने रूस पर नरसंहार और युद्ध अपराधों को अंजाम देने का आरोप लगाया है. क्रेमलिन ने मंगलवार को कहा कि पश्चिमी आरोप कि रूसी सेना ने बुचा में नागरिकों को मार डाला एक "राक्षसी जालसाजी" है जो रूसी सेना को बदनाम करने और नए पश्चिमी प्रतिबंधों को सही ठहराने के लिए है.
यूक्रेन ने मांगे नाटो से और हथियार
यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने उत्तर अटंलाटिक संधि संगठन (नाटो) से उनके युद्धग्रस्त देश को रूस से लड़ने के लिए और हथियार मुहैया कराने का अनुरोध किया, ताकि बुचा शहर में हाल में हुए अत्याचार जैसी घटनाओं को रोका जा सके. नाटो ने संगठन के तौर पर यूक्रेन में सैनिकों अथवा पुलिस को भेजने से इनकार किया है, लेकिन उसके सदस्य देश टैंक रोधी हथियार, अन्य साजो सामान और चिकित्सा से जुड़ा सामान भेज रहे हैं.
कुलेबा ने गुरुवार को कहा,‘‘ मेरा उद्देश्य बेहद सामान्य है. इसमे केवल तीन वस्तुएं हैं....और वह है हथियार,हथियार और बस हथियार.’’यूक्रेन के विदेश मंत्री ने कहा,‘‘ हमें लड़ना आता है. हमें जीतना आता है, लेकिन यू्क्रेन जो मांग कर रहा है उसकी लगातार और पर्याप्त आपूर्ति के बिना, जीत बहुतों की कुर्बानियां ले लेगी.’’ उन्होंने कहा कि जितने ज्यादा हमें हथियार मिलेंगे और जितना जल्दी वे यूक्रेन पहुंचेंगे, उतने ही इंसानों की जिंदगियां बचाई जा सकेंगी.
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