Russia Ukraine War: 'यूक्रेन को F-16 लड़ाकू विमान देना NATO के युद्ध में शामिल होने का संकेत', रूस ने पश्चिमी देशों को दी ये चेतावनी
F-16 Fighter Jets To Ukraine: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को 15 महीने से ज्यादा का समय हो चुका है. कमजोर पड़े यूक्रेन को अब F-16 लड़ाकू विमानों की आपूर्ति की जा रही है.
Ukraine F-16 fighter Jets: रूस-यूक्रेन की जंग (Russia Ukraine War) के बीच अमेरिका की अगुवाई वाले पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को F-16 लड़ाकू विमान की आपूर्ति शुरू कर दी है. इसे रूस ने उकसावे वाला कदम बताते हुए कहा है कि यह जंग में NATO के शामिल होने का संकेत है. रूसी उप विदेश मंत्री अलेक्जेंडर ग्रुशको ने कहा कि ऐसा करना पश्चिम के लिए भारी जोखिम पैदा करेगा.
अमेरिका में रूसी राजदूत ने कीव को F-16 लड़ाकू विमान सौंपे जाने की खबरों पर बोलते हुए कहा है कि यह कदम रूस-यूक्रेन संघर्ष में NATO की भागीदारी का संकेत देता है. बता दें कि रूस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर यही कहकर हमला किया था कि वो रूस से शत्रुता रखने वाले मिलिट्री अलायंस NATO में शामिल होने की तैयारी कर रहा है, जिसे रूस किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा. NATO दुनिया का सबसे बड़ा सैन्य-संगठन है.
अमेरिका की अगुवाई वाला सैन्य-संगठन है NATO
इस संगठन का अगुआ अमेरिका है, NATO का फुल फॉर्म North Atlantic Treaty Organization (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन) है. इसे अटलांटिक अलायन्स के नाम से भी जाना जाता है. हिंदी में नाटो को 'उत्तर अटलांटिक संधि संगठन' कहा जाता है. NATO में अमेरिका के अलावा ब्रिटेन, नीदरलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, बेल्जियम, आइसलैंड, लक्जमबर्ग, फ्रांस, कनाडा और इटली जैसे 30 देश शामिल हैं. यूक्रेन ने भी इस संगठन की सदस्यता मांगी थी, लेकिन रूस इससे गुस्सा हो गया था, क्योंकि NATO एक-एक करके यूरोप में रूस के सभी पड़ोसी देशों में अपने ठिकाने बनाता जा रहा था.
NATO की वजह से ही रूस ने यूक्रेन पर हमला किया
फरवरी 2022 में जब रूस ने यूक्रेन पर स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन की आड़ में आक्रमण किया, तो NATO की सदस्यता वाले देशों ने रूस पर प्रतिबंध थोपने शुरू कर दिए. हालांकि, वे रूस को यूक्रेन पर हमले करने से नहीं रोक पाए. अब NATO की सदस्यता वाले देश यूक्रेन को हथियार, गोला-बारूद देकर मदद कर रहे हैं. वहीं, अब यूक्रेन को F-16 लड़ाकू विमानों की आपूर्ति का भी ऐलान कर दिया गया है, जिसके खिलाफ रूस ने उन देशों को चेतावनी दी है.
"पश्चिमी देशों को बड़ा जोखिम उठाना पड़ेगा"
रूसी उप विदेश मंत्री अलेक्जेंडर ग्रुशको ने कहा, "हम देख रहे हैं कि पश्चिमी देश अभी भी यूक्रेन को सैन्य-साजो सामान की आपूर्ति कर रहे हैं. उन्होंने F-16 हस्तांतरित करने का ऐलान भी किया है, लेकिन जैसा कि हमने पहले ही कहा था- ऐसा करने पर उन्हें बड़ा जोखिम उठाना पड़ेगा."
ग्रुशको ने कहा, "किसी भी कीमत पर, हम ये बर्दाश्त नहीं करेंगे. हमारे पास निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सभी आवश्यक साधन हैं.," उन्होंने यह भी कहा कि क्रीमिया पर यूक्रेन की ओर से की गई स्ट्राइक रूस पर हमले के बराबर होगी. और, पुरजोर तरीके से पलटवार किया जाएगा.
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