Russia Ukraine War News: रूस और यूक्रेन दोनों ही युद्ध में लड़ने के लिए जवानों की कमी का सामना कर रहे हैं, इसलिए उनके युद्ध में सैनिकों की भूमिका निभाने वाले क्रूड ग्राउंड रोबोट देखे जा रहे हैं. यूरेशियन टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में यह दावा किया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले हफ्ते क्रेमलिन से संबंधित सोशल मीडिया ने एक वीडियो क्लिप जारी की थी, जिसमें एक मानव रहित रूसी जमीनी वाहन (UGV) को दिखाया गया था, जो यूक्रेन के मिनी ड्रोन के हमलों से बचते हुए फ्रंटलाइन के सैनिकों को आपूर्ति पहुंचा रहा था और घायल जवान को ले जा रहा था. हालांकि, यह स्पष्ट रूप से कभी नहीं दिखाया गया है.
अमेरिका स्थित सेंटर फॉर नेवल एनालिसिस थिंक टैंक के रिसर्च विश्लेषक सैम बेंडेट के अनुसार, जैसा कि हथियारबंद हवाई ड्रोन और तोपें यूक्रेन में अग्रिम मोर्चों पर सैन्य गतिविधियों को खतरे में डाल रहे हैं, ऐसे में रसद, आपूर्ति और निकासी जैसे नियमित कार्यों के उजागर होने और उन पर हमला होने का खतरा है. जवाब में यूक्रेनी और रूसी सेनाएं ऐसे कार्यों के लिए सरल DIY प्लेटफॉर्म से काम ले रही हैं.
हालांकि आधिकारिक तौर पर वे इसे स्वीकार नहीं करते हैं लेकिन यह साफ होता जा रहा है कि न तो रूस और न ही यूक्रेन को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए पर्याप्त लोग मिल रहे हैं. मॉस्को लोगों को जुटाने और उन्हें सेना के साथ कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर करने के लिए लुभाने की हर संभव कोशिश कर रहा है.
सैनिकों की भर्ती कर रहे हैं रूस-यूक्रेन
कहा जाता है कि रूस ने अक्टूबर में शुरू हुए अपने वार्षिक शरदकालीन भर्ती मसौदे के तहत लगभग 130,000 नए युवा शामिल किए है. हालांकि मॉस्को का कहना है कि भर्ती हुए इन लोगों को यूक्रेन नहीं भेजा जाएगा, एक साल की सेवा के बाद, वे अपने आप रिजर्विस्ट की भूमिका में होंगे जो कि लामबंदी के लिए प्रमुख उम्मीदवार होते हैं.
यूक्रेन का भी यही हाल है. उसे उन हजारों लोगों की भरपाई करने की जरूरत है जो मारे गए हैं या घायल हुए हैं लेकिन कई यूक्रेनी लोग लड़ना ही नहीं चाहते हैं. रिपोर्ट में बीबीसी के हवाले से बताया गया है कि अधिकारियों को रिश्वत देने के बाद हजारों लोग देश छोड़ चुके हैं और अन्य लोग भर्ती अधिकारियों को चकमा देने के तरीके खोज रहे है. वहीं, भर्ती अधिकारियों पर कठोर रणनीति अपनाने का आरोप लगाया गया है.
यहां तक कि राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने अधिकारियों के खिलाफ रिश्वत लेने और डराने-धमकाने समेत कई आरोपों के बाद प्रत्येक क्षेत्रीय प्रमुख को बर्खास्त कर दिया है.
कितना घातक है यूक्रेन का रोबोट आयरनक्लैड?
इस सबके बीच यूक्रेन युद्ध में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑटोनॉमस सिस्टम की भूमिका दुनियाभर की का ध्यान खींच रही है. कथित तौर पर आत्याधुनिक मानव रहित रोबोट आयरनक्लैड (IRONCLAD) का वर्तमान में यूक्रेन के सशस्त्र बलों की ओर से अग्रिम पंक्ति में परीक्षण किया जा रहा है. आयरनक्लैड का मतलब बख्तरबंद होता है. माना जा रहा है कि इस उन्नत रोबोट में कई क्षमताएं हैं जैसे कि यह शत्रु के ठिकानों पर हमलों को सपोर्ट कर सकता है, टोही मिशनों को अंजाम दे सकता है और मैदान पर सैनिकों को जरूरी फायर सपोर्ट उपलब्ध करा सकता है. यह रिमोट संचालन को सक्षम करके सैनिकों के जीवन के जोखिम को काफी कम कर सकता है.
यूक्रेन के डिजिटल ट्रांसफोर्मेशन मंत्री मायखाइलो फेडोरोव के अनुसार, आयरनक्लैड रोबोट 20 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चल सकता है, इसमें एक थर्मल इमेजिंग कैमरा है. इसका बख्तरबंद खोल छोटे हथियारों के खिलाफ मजबूत सुरक्षा प्रदान करता है. आयरनक्लैड के संचालन को दूर से मैनेज किया जा सकता है, जो कंट्रोल स्टेशन को सुरक्षित दूरी पर रखने की सुविधा देता है. करीब साल भर पहले यूक्रेन ने एस्टोनिया के एक रोबोट TheEMIS के सफल परीक्षण किया था.
कई खूबियों से लैस है रूस का जुबिलो रोबोट
इसी तरह कहा जा रहा है कि रूस यूक्रेन में रोबोट के साथ युद्धक्षेत्र परीक्षण कर रहा है. उसने अपने जुबिलो (Zubilo) रोबोट को युद्ध क्षेत्र में तैनात किया है. यह 13.3 टन वजनी जमीन से हमला करना वाला वाहन है जिसे मानव रहित परिवहन प्रणाली के रूप में कार्य करने के लिए डिजाइन किया गया है. यह अपने साथ 2.7 टन तक का पेलोड ले जाने में सक्षम है. यह विस्फोटक उपकरणों और तोपों के गोलों के छर्रे का प्रभाव झेल सकता है, इसी के साथ यह कई अन्य उपयोगिताओं का दावा करता है. यह गोला-बारूद वितरण, कार्गो ट्रांसपोर्टेशन, हताहतों की निकासी में काम आ सकता है और यहां तक कि रेडियो और क्वाडकॉप्टर के लिए बिजली प्रदान कर सकता है.
यह भी पढ़ें- मुठभेड़ में मारा गया लाखों का ईनामी पाकिस्तानी तालिबान कमांडर, 2011 हमले का था मास्टरमाइंड