Russia-Ukraine War: पुतिन के सैनिक अब यूक्रेन के साथ जारी जंग में साइकिल और स्कूटर के सहारे रास्ते माप रहे हैं. इसकी वजह ये है कि पुतिन की ब्रिगेड के पास अब मोटर चालित 'कोई वाहन नहीं' हैं जिसके कारण रूस के सैनिक मजबूरी में 'साइकिल और स्कूटर' का उपयोग कर रहे हैं. मिली जानकारी के मुताबिक यूक्रेन के सैनिकों से पिछले नौ महीने से चल रही जंग के बाद रूसी सेना सैन्य उपकरणों की कमी से भी जूझ रही है.
रूसी सैनिकों को यूक्रेन में जारी जंग के बीच "हमारे पास कोई वाहन नहीं है" ऐसी शिकायत करते हुए सुना गया है और यूक्रेन में जारी जंग के बीच युद्ध क्षेत्र के चारों ओर घूमने के लिए "साइकिल और स्कूटर" का उपयोग करते देखा गया है. इस तरह से पता चलता है कि रूसी सैनिक कितनी परेशानियों का सामना कर रहे हैं. इसका एक ऑडियो क्लिप जारी किया गया है जिसमें, पूर्वी यूक्रेन के डोनेट्स्क में लाइमैन शहर के पास काम कर रहे सैनिकों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि "यहां अब सिर्फ एक टैंक खड़ा है और वही अब हमारे लिए सबकुछ है."
यूक्रेन में हथियारों और वाहन की कमी से जूझ रही पुतिन की सेना
पुतिन की सेना के सीनियर और जूनियर दोनों सैनिक हथियार और आवागमन के लिए वाहनों की कमी से जूझ रहे हैं. सैनिकों में इसकी कमी से निराशा दिखाई दे रही है. सितंबर के अंत में जब यूक्रेनी सेना ने रूसी सैनिकों पर हमला किया तो उन्हें लाइमैन से भागने पर मजबूर होना पड़ा था. था, रूसी सैनिक इस हमले के लिए तैयार नहीं थे और यूक्रेनी सैनिकों ने अचानक धावा बोल दिया था. लाइमैन में तब एक सिपाही ने रूसी सैनिकों को सूचना दी थी, “यहां कोई वाहन नहीं है. हमारी कंपनी के पास बीटीआर (ब्रोनट्रांसपोर्टर - रूसी बख्तरबंद कार्मिक वाहक) भी नहीं है."
उसके बाद दूसरे सैनिक ने कहा, ठीक है, फिर तो हम साइकिल और स्कूटर खोजें. जो कुछ भी मिल जाए उसी से चलो. हमसे कोई वादा नहीं किया गया है और ना ही बताया गया है कि गाड़ियां कब तक आएंगी? तब दूसरे सिपाही ने कहा, "यहां सिर्फ एक टैंक खड़ा है और वही अब सब कुछ है. लेकिन, आप जानते हैं, यह आग नहीं लगा सकता. हम इसे ड्राइव नहीं कर सकते. यह पूछे जाने पर कि तीसरा टैंक कहां है, सैनिक ने कहा, "हमारे पास तो नहीं है."
अपने चार इलाकों को रूसी कब्जे से छुड़ाया यूक्रेनी सेना ने
बता दें कि सितंबर के अंत तक, डोनेट्स्क ओब्लास्ट के उत्तर-पूर्वी क्वार्टर में स्थित लाइमैन शहर पर रूसी सैनिकों ने कब्जा कर लिया था. इसके बाद यूक्रेन के सैनिकों को खार्किव और इज़ियम से पीछे हटने के लिए मजबूर किया गया था, वहीं, रूसी सेना ने उत्तर में यूक्रेनी सेना के आक्रमणों के बाद भी शहर पर कब्जा कर लिया था. लेकिन यूक्रेन के सशस्त्र बलों ने इज़ियम को फिर से रूसी सैनिकों के कब्जे से मुक्त करा लिया था और रूसी सैनिकों को लाइमैन से भी खदेड़ दिया था.
एक यूक्रेनी अधिकारी, जिसे 'फ्लैगमैन' कहा जाता है, जिसने जवाबी हमले में भाग लिया था, उसने दावा किया था कि लाइमैन में कई रूसी सैनिक खुद ही वापस जाना चाह रहे थे और इसलिए उन्होंने हमले के समय खुद को व्यवस्थित नहीं किया और ना ही कोई प्रतिकार किया था.
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