Russia-Ukraine War: यूक्रेन और रूस के रिश्ते पिछले एक महीने से तनावपूर्ण थे. इस दौरान दोनों देशों के बीच युद्ध का मंडराता खतरा अब हकीकत में बदल गया है. आज रूस और यूक्रेन के युद्ध का तीसरा दिन है. बीत दो दिनों से रूस लगातार यूक्रेन पर मिसाइल से हमला कर रहा है. यूक्रेन की माने तो इस हमले में 137 लोगों की जान जा चुकी है. वहीं रूस के भी 1000 से ज्यादा सैनिकों के मारे जाने का दावा है. 


इस युद्ध की शुरूआत गुरुवार को हुई जब रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन ने एक लाइव टीवी पर संबोधन के दौरान यूक्रेन में 'विशेष सैन्‍य अभियान' की घोषणा की, जिसके बाद राजधानी कीव सहित यूक्रेन के कई इलाके बम धमाकों से थर्रा गए. 


बीते दो दिनों से यूक्रेन के आसमानों में रूस के हेलीकॉप्टर नजर आ रहे हैं, रूसी टैंक अब यूक्रेन की सड़कों पर देखे जा रहे हैं. जबकि पिछले दो दिनों में कई बम धमाके भी हुए हैं. दोनों देशों के बीच बनी ये स्थिति अब अन्य देशों के चिंता का कारण भी बन गया है. रूस और यूक्रेन के बीच कल से लेकर आज तक क्‍या कुछ हुआ, आइये जानते हैं 5 बड़े अपडेट्स 


राजधानी कीव पर हमला 


रूसी सैनिकों ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर शुक्रवार को हमला शुरू दिया. इन हमलों से सरकारी इमारतों के निकट गोलीबारी और विस्फोटों की आवाजें गूंज रही थीं. रूस की इस कार्रवाई से यूरोप में व्यापक युद्ध की आशंका पैदा हो गई है वहीं उसे रोकने के लिए दुनियाभर में प्रयास भी शुरू हो गए हैं. युद्ध से सैकड़ों लोगों के हताहत होने की सूचनाओं के बीच कीव में इमारतों, पुलों और स्कूलों के सामने भी गोलीबारी और विस्फोटों की घटनाएं हुई हैं. इस बात के भी संकेत बढ़ रहे थे कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन की मौजूदा सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश कर रहे हैं. 


दुनिया के नक्शे में बदलाव करने और रूस के शीतयुद्ध कालीन प्रभाव को बहाल करने के लिए यह पुतिन का अभी तक का सबसे बड़ा कदम है. हालांकि इस युद्ध में अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि यूक्रेन का कितना हिस्सा अब भी उसके कब्जे में है और कितने हिस्से पर रूस का नियंत्रण हो गया है. इस बीच क्रेमलिन ने बातचीत करने की कीव की पेशकश स्वीकार कर ली लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि यह युद्ध से जूझ रहे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के प्रति नरमी दिखाते हुए किया जा रहा है, ना की मामले का कूटनीतिक हल निकालने के लिए. 


पश्चिमी देशों के नेताओं ने आपातकालीन बैठक बुलाई


पश्चिमी देशों के नेताओं ने आपातकालीन बैठक बुलाई है और यूक्रेन के राष्ट्रपति ने ऐसे हमलों को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद की गुहार लगाई है क्योंकि उन्हें आशंका है कि रूस लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई उनकी सरकार को बेदखल कर सकता है. यूक्रेन में बड़े पैमाने पर लोग हताहत हो सकते हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकता है. रूस के आक्रमण का दूसरा दिन यूक्रेन की राजधानी पर केंद्रित था, जहां ‘एसोसिएटेड प्रेस’ के पत्रकारों ने विस्फोट की आवाजें सुनीं और कई क्षेत्रों से गोलियां चलने की सूचना भी है.


यूक्रेन के साथ बतचीत करने को तैयार रूस


समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, रूसी और यूक्रेनी सरकारों ने शुक्रवार को बातचीत के लिए एक खुलेपन का संकेत दिया. वहीं, दूसरी ओर कीव में अधिकारियों ने दशकों में सबसे गहरे यूरोपीय सुरक्षा संकट के दौरान रूसी सेना को आगे बढ़ने से रोकने और राजधानी की रक्षा करने में नागरिकों से मदद का आग्रह किया. यूक्रेन और रूस वार्ता के लिए समय और जगह को लेकर बातचीत का दौरा जारी है. 


यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के प्रवक्ता सर्गेई न्याकिफोरोव ने सोशल मीडिया पर कहा, आक्रमण शुरू होने के बाद से कूटनीति के लिए आशा की पहली झलक पेश की गई है. सर्गेई न्याकिफोरोव ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, "यूक्रेन युद्धविराम और शांति के बारे में बात करने के लिए तैयार था और रहेगा. प्रवक्ता ने बाद में कहा कि यूक्रेन और रूस बातचीत के लिए जगह और समय पर चर्चा कर रहे हैं.


रूस का सैन्य बलों पर खर्च यूक्रेन से 10 गुना अधिक


रूस और यूक्रेन में खूनी जंग के बीच दोनों देशों के हथियारों और सैन्य बलों की तुलना की जा रही है. रूस का सैन्य खर्च (Russia Military Expenditure) यूक्रेन (Ukraine) के मुकाबले करीब 10 गुना ज्यादा है. वैश्विक प्रतिभूतियों पर एक स्वतंत्र संसाधन स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के आंकड़ों से पता चलता है कि रूस ने 2020 में सैन्य संबंधी खर्चों पर करीब 61.7 बिलियन डॉलर खर्च किए. यह 2020 में यूक्रेन की ओर से किए गए सैन्य खर्च से लगभग दस गुना अधिक है. पिछले 5 सालों में रूस ने वार्षिक आधार पर अपनी सैन्य क्षमता के निर्माण पर 60 बिलियन डॉलर से अधिक खर्च किए हैं. इस बीच यूक्रेन का खर्च 2016 में 2.9 बिलियन डॉलर से लगभग दोगुना होकर 2020 में 5.9 बिलियन डॉलर हुआ है.


UN महासचिव ने रूसी सैनिकों से बैरक लौटने की अपील की


संयुक्त राष्ट्र महासचिव (UN Secretary General) एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि रूसी सैनिकों को अपने बैरक में लौट जाना चाहिए ताकि शांति का माहौल कायम हो सके. हालांकि इससे पहले भी संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस (Antonio Guterres) ने शांति की अपील करते हुए कहा था दुनिया हाल के दिनों में अभूतपूर्व संकट का सामना कर रही है. उन्होंने रूस को चेतावनी देते हुए कहा था कि वह यूक्रेन के अलग-अलग क्षेत्रों डोनेट्स्क और लुहांस्क को मान्यता देकर संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों का उल्लंघन कर रहा है. यूक्रेन संकट को लेकर महासभा की बैठक में ताजा घटनाक्रम पर गंभीर चिंता जताते हुए एंटोनियो गुटेरस ने व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) से शांति बनाए रखने को कहा था. 


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