Russia Ukraine War update: रूस और यूक्रेन की जंग एक बार फिर तेज हो गई है. रूसी सरकार ने यूक्रेन पर राष्ट्रपति पुतिन को ड्रोन हमले में मारने की साजिश रचने का आरोप लगाया था और उसके बाद रूसी सेना ने यूक्रेन पर कई तरह की मिसाइलें दागनी शुरू कर दीं. इस बीच यूक्रेन की वायुसेना ने दावा किया है कि उसने रूसी हाइपरसोनिक मिसाइल को मार गिराया है.
यूक्रेनियन एयरफोर्स के कमांडर मायकोला ओलेशचुक ने शनिवार को कहा कि कीव के ऊपर हमला करने आई एक रूसी हाइपरसोनिक मिसाइल को हमने अमेरिकी पैट्रियट डिफेंस सिस्टम के जरिए मार गिराया है. दुनिया को यह पहली बार पता चला है कि कोई अमेरिकी डिफेंस सिस्टम रूस की सबसे आधुनिक मिसाइलों में से एक को इंटरसेप्ट करने में सक्षम रहा.
'हमने नाकाम कर दिया हमला'
यूक्रेनियन एयरफोर्स के कमांडर मायकोला ओलेशचुक ने एक टेलीग्राम पोस्ट में कहा कि रूसी सेना द्वारा रात के समय किंजल-कैटेगरी की बैलिस्टिक मिसाइलें यूक्रेन की राजधानी कीव की ओर दागी जाती हैं. हालांकि, हमने उनके हमले को नाकाम कर दिया है.
रात को कीव पर हमला करने आई थी Kh-47 मिसाइल
यूक्रेनियन एयरफोर्स के इसी दावे के बाद अब दुनियाभर में अमेरिकी पैट्रियट डिफेंस सिस्टम की चर्चा हो रही है, क्योंकि यह पहली बार हुआ है, जब यूक्रेन ने पैट्रियट डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल कर रूसी मिसाइल को मार गिराने का दावा किया है. यूक्रेनियन एयरफोर्स के कमांडर मायकोला ओलेशचुक ने लिखा, "हां, हमने 'किंजल' को मार गिराया है. यह तब हुआ जब रूसी हाइपरसोनिक मिसाइल रात के समय कीव पर आसमान से हमला करने आई थी."
ओलेशचुक ने कहा कि रूसी की ओर से Kh-47 मिसाइल को MiG-31K विमान से दागा गया था, जो कि सबसे उन्नत रूसी हथियारों में से एक है. मगर, जैसे ही वो मिसाइल यूक्रेन की राजधानी कीव पर हमला करने के आ रही थी, उसे अमेरिकी डिफेंस सिस्टम ने इंटरसेप्ट किया और आसमान में ही मार गिराया.
यह 2,000 किलोमीटर दूर तक कर सकती है मार
रूसी सेना का कहना है कि हमारी Kh-47 मिसाइल दुनिया में सबसे तेजी से हमला करने वाली मिसाइलों में से एक है. हवा से लॉन्च की जाने वाली इस बैलिस्टिक मिसाइल की रेंज 2,000 किलोमीटर (लगभग 1,250 मील) तक है और यह ध्वनि की गति से 10 गुना अधिक गति से उड़ती है, जिससे इसे रोकना मुश्किल हो जाता है. इसमें एक भारी वारहेड होता है, जो भूमिगत बंकरों या पहाड़ी सुरंगों को नष्ट करने में सक्षम है.
ऐसी मिसाइल को नाकाम करना पहले असंभव था
वहीं, यूक्रेनी सेना ने यह माना था कि पहले उनके पास किंजल मिसाइल को रोकने के लिए आवश्यक संसाधनों की कमी थी, लेकिन अब उनके पास अमेरिकी डिफेंस सिस्टम है.
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