Russia Ukraine War: 'रूस ने दागीं 70 मिसाइलें, 60 से ज्यादा हमने मार गिराईं', यूक्रेन का दावा
Russia Ukraine Conflict: यूक्रेन को युद्ध की वजह से एक ट्रिलियन डॉलर (करीब आठ लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हो चुका है. दूसरी तरफ रूस अब तक युद्ध में करीब 8,000 अरब रुपये फूंक चुका है.
Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध थमने के नाम नहीं ले रहा. लाख नुकसान उठाने के बावजूद दोनों देश पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. रूस लगातार यूक्रेन पर मिसाइलें दाग रहा है लेकिन यूक्रेन तनकर खड़ा है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने शुरुआत में ही एलान कर दिया था कि वे युद्ध से पीछे नहीं हटेंगे. ऐसा अब तक देखने को भी मिला है.
युद्ध को नौ महीने बीत चुके हैं, बावजूद इसके यूक्रेन लगातार रूस को मुंहतोड़ जवाब दे रहा है. यूक्रेन की वायु सेना ने सोमवार को कहा कि रूस ने यूक्रेन के खिलाफ अपने ताजा हमले में करीब 70 मिसाइलें दागीं, जिनमें से 60 से अधिक को गिरा दिया गया.
यूक्रेन के इंफ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाकर रूस ने हालिया समय में हमले तेज कर दिए हैं जिससे देश में बिजली, पानी की लाइन क्षतिग्रस्त हो गई है और सर्दियों की दस्तक देने के साथ लोग ऊर्जा संकट से जूझ रहे हैं. शुरुआती संकेतों से पता चलता है कि रूसी सेना ने कैस्पियन सागर में जहाजों से और रोस्तोव के दक्षिणी रूसी क्षेत्र से 38 क्रूज मिसाइल दागीं.
कलिब्र क्रूज मिसाइल दागी गईं
यूक्रेन की वायु सेना ने अपने टेलीग्राम पेज पर कहा कि रूस के काला सागर बेड़े से 22 अन्य कलिब्र क्रूज मिसाइल दागी गईं. यूक्रेन की सेना ने कहा कि हमले में रूस के लंबी दूरी के बमवर्षक, लड़ाकू विमान और निर्देशित मिसाइलें भी शामिल थीं. वायु सेना के बयान में कहा गया कि कुल मिलाकर आक्रमणकारियों की 60 से ज्यादा मिसाइलों को गिरा दिया गया.
आठ लाख करोड़ रुपये का हुआ नुकसान
यूक्रेनी राष्ट्रपति के आर्थिक सलाहकार ओलेग उस्तेंको के मुताबिक, यूक्रेन को युद्ध की वजह से एक ट्रिलियन डॉलर (करीब आठ लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हो चुका है. दूसरी तरफ रूस अब तक युद्ध में करीब 8,000 अरब रुपये फूंक चुका है. वहीं, अमेरिका और यूरोप मिलकर यूक्रेन की मदद के नाम पर युद्ध में 12,520 अरब रुपये झोंक चुके हैं. भोजन और ईंधन की बढ़ी हुई कीमतें, बाधित आपूर्ति शृंखला, महंगाई और बेरोजगारी जैसे कारकों को शामिल कर देखा जाए, तो युद्ध की वजह से पूरी दुनिया पर करीब 24 लाख करोड़ रुपये (तीन ट्रिलियन डॉलर) का बोझ पड़ा है.
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