रूस और यूक्रेन के बीच 43वें दिन भी भीषण जंग जारी है. यूक्रेन के कई शहर तबाह हो चुके हैं. भारी संख्या में निर्दोष नागरिक भी मारे गए हैं. सैन्य कार्रवाई से संबंधित कम संसाधनों की वजह से इस युद्ध में यूक्रेन पर रूस भारी पड़ा है. इस बीच यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने उत्तर अटंलाटिक संधि संगठन (NATO) से उनके युद्धग्रस्त देश को हथियार मुहैया कराने का अनुरोध किया है. कुलेबा गुरुवार को नाटो मुख्यालय में सैन्य संगठन के विदेश मंत्रियों से बातचीत के लिए पहुंच रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य बेहद सामान्य है और यह है हथियार, हथियार और बस हथियार.
यूक्रेन ने नाटो से मांगे हथियार
यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने आगे कहा कि हमें लड़ना आता है. हमें जीतना आता है, लेकिन यू्क्रेन जो मांग कर रहा है उसकी सतत और पर्याप्त आपूर्ति के बिना जीत बहुतों की कुर्बानियां ले लेगी. उन्होंने कहा कि जितने ज्यादा हमें हथियार मिलेंगे और जितना जल्दी वे यूक्रेन पहुंचेंगे, उतने ही इंसानों की जिंदगियां बचाई जा सकेंगी. विदेश मंत्री ने खास तौर पर जर्मनी से आग्रह किया और बेहद जरूरी साजोसामान और हथियार भेजने में तेजी लाने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि बर्लिन के पास वक्त है पर कीव के पास नहीं.
रूसी हमले में यूक्रेन के कई शहर हो चुके हैं तबाह
यूक्रेन में रूसी सैनिक 24 फरवरी से ही लगातार बम के गोले बरसा रहे हैं. मिसाइलों से शहरों को तबाह कर रहे हैं. स्कूल, अस्पताल से लेकर बड़ी-बड़ी इमारतों को निशाना बनाया जा रहा है. मारियुपोल और खारकीव में हालात बदतर हो गए हैं. चारों तरफ तबाही का आलम है. दोनों देशों के हजारों सैनिक मारे जा चुके हैं. वही आम नागरिकों पर क्रूर हमले की वजह से दुनियाभर में व्लादिमीर पुतिन की आलोचना हो रही है.
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