रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है. रूसी सैनिक लगातार यूक्रेन के अलग-अलग शहरों को निशाना बना रहे हैं. कई शहर तबाह हो चुके हैं. इस बीच एबीपी न्यूज़ की टीम यूक्रेन में पहुंची है. बेलारूस बॉर्डर के नजदीक चेर्निहीव शहर में रूस की सेना 40 दिनों तक यहां तैनात थी. हमले के बाद पहली बार रूसी टैंक इसी शहर में पहुचे थे. चेर्निहीव बेलारूस बॉर्डर से सबसे नजदीक शहर है. ये पौने 3 लाख की आबादी वाला शहर है. शहर पर भयावह बमबारी के निशान है. यहां रूसी सैनिकों के हमले से लोगो ने सड़क के सबवे या बंकर में जाकर जान बचाई. लेकिन सबवे बंकर के अंदर धमाकों के आवाज़ से दुकानें तहस नहस हो गईं.
चेर्निहीव में तबाही का आलम
जंग के मैदान में खेल का मैदान भी तबाह हो गया. फुटबॉल स्टेडियम में 3 बड़े मिसाइल हमले किए गए थे. फुटबॉल स्टेडियम में तबाही की तस्वीर. मैदान में गोलपोस्ट के 20 फुट गहरा गड्ढा. दर्शक स्टैंड पर मिसाइल से हमला किया गया था. राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी इस हमले में मारे गए. यहां क्लस्टर बम का इस्तेमाल किया गया था. इतना ही नहीं पुलिस मुख्यालय और कई सरकारी इमारत तबाह हो गईं. एक पूर्व सैनिक जिसने सोवियत संघ के समय रूस के सैनिक के तौर पर अफगानिस्तान में लड़ाई लड़ी. आज रूस की सेना ने उसका सब कुछ छीन लिया. अब इस सैनिक के पास सिर्फ एक फटा कपड़ा और साइकिल बचा है. आंखों में आंसू और रूस के लिए गुस्सा भरा है.
हर तरफ बर्बादी ही बर्बादी
एबीपी न्यूज की टीम ने सड़क के सेंटर से खड़े होकर देखा तो हर तरफ तबाही और बर्बादी की तस्वीर दिख रही थी. पुराना शहर बर्बाद हो चुका है. बिजली , पानी, गैस कुछ नहीं बचा है. चर्निहिव में एक आंकड़े के मुताबिक 50 आम लोग रोज़ मारे गए. आज भी कब्रगाह खोदे जा रहे है. बमबारी की वजह से शव नहीं दफनाए गए थे. एक साथ शवों को बड़े लकड़ी में दफनाया गया. 39 दिनों तक रूस ने कब्जा किया था. मेयर ने बताया 700 आम लोग मारे गए. जो लोग ठंड , दवाई की कमाई , खाने पीने की किल्लत से मारे गए उसका कोई आंकड़ा नहीं है.
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