Russia-Ukraine War: युद्ध में एक पैर गंवा चुके यूक्रेनी लड़ाकू को कृत्रिम अंग लगने का इंतजार, मोर्चे पर लौटने को बेताब
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अप्रैल के मध्य में कहा था कि लड़ाई में 10,000 सैनिक घायल हुए थे जबकि संयुक्त राष्ट्र ने 4,600 से अधिक घायल नागरिकों का आंकड़ा दिया है.
![Russia-Ukraine War: युद्ध में एक पैर गंवा चुके यूक्रेनी लड़ाकू को कृत्रिम अंग लगने का इंतजार, मोर्चे पर लौटने को बेताब Russia-Ukraine War Ukrainian fighter lost a leg in the war waiting for prosthesis desperate to return to the front Russia-Ukraine War: युद्ध में एक पैर गंवा चुके यूक्रेनी लड़ाकू को कृत्रिम अंग लगने का इंतजार, मोर्चे पर लौटने को बेताब](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/01/eead5041ca35bdcd203eac8fd3fe800f_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध को जारी हुए तीन महीने से ऊपर हो चुके हैं. लेकिन अभी भी दोनों देशों के बीच छिड़ी इस जंग के कहीं से भी रुकने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं. इस युद्ध में दोनों देशों के कई जवान शहीद हो गए तो बहुत से इस लड़ाई में विकलांग हो गए. डेविटी सुलेमानिशविली उन अनगिनत लोगों में से एक है, जिन्होंने युद्ध में अपने हाथ या पैर खो दिए हैं. मारियुपोल (Mariupol) की लड़ाई के दौरान उन्होंने अपना बाएं पैर को खो दिया. इन दिनों वह कीव एक छोटे से आर्थोपेडिक क्लिनिक (Orthopedic Clinic) में डॉक्टर से कृत्रिम अंग लगाने को लेकर सलाह ले रहे हैं.
आपको बता दें कि डेविटी सुलेमानिशविली यूक्रेन की आज़ोव रेजिमेंट के सदस्य है. जिसने मारियुपोल में पिछले हफ्ते रूसी सेना के सामने हथियार डालने से पहले तीन महीने तक उन्हें खूब छकाया था. वह 20 मार्च को रूसी टैंक की गोलीबारी में बुरी तरह से घायल हो गया था. उन्होंने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि, "विस्फोट ने मुझे चार मीटर की दूरी पर फेंक दिया और फिर मेरे ऊपर एक दीवार गिर गई. जब मैंने खड़े होने की कोशिश की, तो मुझे अपना पैर महसूस नहीं हुआ. मेरा हाथ घायल हो गया था और एक उंगली चली गई थी."
सेना में सेवा करना जारी रखना चाहते हैं
रूसी टैंक के हमले में बुरी तरह से घायल होने के बाद उनके साथी सैनिकों ने उन्हें तुरंत फील्ड अस्पताल में भर्ती कराया. जहां घुटने से नीचे उनका पैर काट दिया गया था. यहां से उन्हें हेलीकॉप्टर की मदद से मध्य यूक्रेन के डीनिप्रो के एक अस्पताल में ले जाया गया.
उस हमले के दो महीने बाद अब वह बैसाखी के सहारे चल-फिर रहे हैं. जल्द ही यूक्रेनी सरकार की मदद से उन्हें एक कृत्रिम पैर लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि,"यदि संभव हो तो, मैं सेना में सेवा करना जारी रखना चाहता हूं और लड़ाई जारी रखना चाहता हूं." उन्होंने कहा कि,"एक पैर कुछ भी नहीं है क्योंकि हम 21 वीं सदी में हैं और आप अच्छे कृत्रिम अंग बना सकते हैं और जीना और सेवा करना जारी रख सकते हैं." उन्होंने आगे कहा कि, "मुझे पता है कि युद्ध में कई लोगों के पास अब कृत्रिम अंग हैं और वे अग्रिम पंक्ति में हैं."
कृत्रिम अंग के लिए सैनिकों की तादाद बढ़ी
उन्होंने बुधवार को डॉक्टरों से मुलाकात की जिसमें उन्हें एक नए कृत्रिम अंग के साथ फिर से स्वस्थ्य करने का आश्वासन दिया गया. आपको बता दें कि यूक्रेन की राजधानी कीव में एक दर्जन विशेषज्ञ प्लास्टर से ढकी एक कार्यशाला के अंदर कृत्रिम अंग बना रहे हैं, जबकि परामर्श कक्ष में डॉक्टर विचार कर रहे हैं कि उनके प्रत्येक रोगी के लिए कौन सा सही मॉडल हो सकता है. वहीं इस क्लिनिक के प्रमुख डॉक्टर ऑलेक्ज़ेंडर स्टेट्सेंको बताते हैं कि, "दो हफ्ते पहले लगभग कोई सैन्य लोग नहीं थे, लेकिन अब वे आ रहे हैं. वे पहले तैयार नहीं थे क्योंकि उनके शरीर के अन्य हिस्सों में चोटों को ठीक करने के लिए उन्हें इलाज की आवश्यकता थी."
आपको बता दें कि रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अप्रैल के मध्य में कहा था कि लड़ाई में 10,000 सैनिक घायल हुए थे जबकि संयुक्त राष्ट्र ने 4,600 से अधिक घायल नागरिकों का आंकड़ा दिया है. विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे हालात में यूक्रेन को महत्वपूर्ण संसाधनों की आवश्यकता होगी. यूक्रेन के सैकड़ों या हजारों विकलांगों की सहायता के लिए हेल्प वर्करों को केंद्रीकृत स्थानों से काम करने की आवश्यकता होगी. यूक्रेन के भीतर सीमित संख्या में ऐसे क्लीनिक हैं.
डॉक्टर ऑलेक्ज़ेंडर स्टेट्सेंको ने बताया कि, यूक्रेन में लगभग 30 सुविधाएं हैं जो कृत्रिम अंग बनाती हैं, उनके अपने क्लिनिक में आम तौर पर हर साल लगभग 300 कृत्रिम अंगों का उत्पादन होता है. हांलाकि, उन्होंने कहा कि उनका क्लिनिक उत्पादन को बढ़ाने में सक्षम नहीं होगा क्योंकि प्रत्येक कृत्रिम अंग को प्रत्येक रोगी की चोट और जरूरतों के हिसाब से तैयार किया जाता है. सुलेमानिशविली, जो एक गनर है, के मामले में, डॉक्टर उसके नए पैर के वजन में 15 किलोग्राम जोड़ देंगे ताकि यह उसके भारी हथियारों को इस्तेमाल करने में मदद कर सके. सुलेमानिशविली जल्द से जल्द कृत्रिम अंग लगाकर युद्धाभ्यास करना चाहते हैं. उन्हें एक हफ्ते के भीतर अस्थायी कृत्रिम अंग लगाया जाएगी, ताकि वह चलना सीखना शुरू कर सके.
इसे भी पढ़ें-
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![रुमान हाशमी, वरिष्ठ पत्रकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/e4a9eaf90f4980de05631c081223bb0f.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)