रूस और यूक्रेन के बीच भीषण जंग जारी है. इस बीच रूसी सैनिकों पर बलात्कार और यौन हिंसा के आरोप भी लग रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को सुरक्षा परिषद को बताया कि संयुक्त राष्ट्र यूक्रेन में बलात्कार और यौन हिंसा के मामलों को तेजी से सुन रहा है. यूक्रेनी मानवाधिकार समूह ने रूसी सैनिकों पर बलात्कार को युद्ध के हथियार के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. ला स्ट्राडा-यूक्रेन की अध्यक्ष कटेरीना चेरेपखा ने कहा कि उनके संगठन की इमरजेंसी हॉटलाइन पर रूसी सैनिकों पर बलात्कार के 9 मामलों का आरोप लगाया गया था. जिसमें 12 महिलाएं और लड़कियां शामिल थीं. उन्होंने वीडियो के माध्यम से परिषद को कहा कि हम चाहते हैं कि आप हमारी आवाज़ सुनें. हिंसा और बलात्कार का इस्तेमाल अब यूक्रेन में रूसी आक्रमणकारियों द्वारा युद्ध के हथियार के रूप में किया जा रहा है.


यूक्रेन में महिलाओं से बलात्कार कर रहे हैं रूसी सैनिक!


यूक्रेन में 24 फरवरी से रूसी सैनिक लगातार बम के गोले बरसा रहे हैं और मिसाइलें दाग रहे हैं. हमले में सैकड़ों निर्दोष नागरिक भी मारे गए हैं. हालांकि यूक्रेन पर आक्रमण शुरू होने के बाद से रूस ने बार-बार आम नागरिकों पर हमला करने से इनकार किया है. संयुक्त राष्ट्र ने पिछले हफ्ते कहा था कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार की टीम रूसी सैनिकों द्वारा बच्चों के सामने सामूहिक बलात्कार और यौन हिंसा के आरोपों को सत्यापित करने की मांग कर रहे थे. दावा किया कि यूक्रेनी बलों और नागरिक सुरक्षा मिलिशिया ने भी यौन हिंसा की थी.


रूस का यौन हिंसा और बलात्कार से इनकार


यूक्रेन के संयुक्त राष्ट्र मिशन ने आरोपों पर टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत प्रतिक्रिया नहीं दी है. संयुक्त राष्ट्र में रूस के डिप्टी एंबेस्डर दिमित्री पॉलींस्की ने सोमवार को सुरक्षा परिषद को बताया कि यूक्रेन और उसके सहयोगी रूसी सैनिकों को बलात्कारी के रुप में पेश करने का स्पष्ट इरादा है. हमने कई बार कहा है कि रूस के युद्ध आम नागरिकों के खिलाफ नहीं है.


वहीं, संयुक्त राष्ट्र महिला कार्यकारी निदेशक, सीमा बहौस ने कहा कि न्याय और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सभी आरोपों की स्वतंत्र रूप से जांच होनी चाहिए. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा था कि नागरिकों को टैकों से कुचला गया था और बच्चों के सामने ही महिलाओं का रेप किया गया. उन्होंने रूसी सेना को न्याय के कठघरे में खड़ा करने की मांग की थी.


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