Russia Ukraine War: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से रूस के निलंबन पर आज वोटिंग, रूसी हमले से यूक्रेन के कई शहर हो चुके हैं लहूलुहान
मानवाधिकार परिषद में 47 सदस्य देश हैं. जो महासभा के अधिकांश सदस्यों द्वारा गुप्त मतदान द्वारा सीधे और व्यक्तिगत रूप से चुने जाते हैं. UNHRC से रूस के निलंबन का प्रस्ताव अमेरिका ने रखा है.
रूस और यूक्रेन के बीच 43वें दिन भी जंग जारी है. एक तरफ रूसी सैनिकों के लगातार हमले से यूक्रेन के कई शहर तबाह हो चुके हैं. खारकीव और मारियुपोल में हर तरफ चीख-पुकार और बर्बादी ही बर्बादी है. कीव के पास बसे शहर बोरोड्यानका शहर मलबे में तब्दील हो चुका है. स्कूल, अस्पताल और दफ्तर जमींदोज हो चुके हैं तो दूसरी तरफ जंग की दिल दहला देने वाली तस्वीरों के बीच रूस को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से निलंबित करने की तैयारी चल रही है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से रूस के निलंबन को लेकर आज मतदान होना है. रूस के निलंबन का यह प्रस्ताव अमेरिका की ओर से रखा गया है. भारतीय समय के हिसाब से आज शाम 7:30 बजे संयुक्त राष्ट्र महासभा यानी यूएन General Assembly में इस पर वोटिंग की जाएगी.
जंग के बीच UNHRC से रूस के निलंबन पर आज वोटिंग
यूएनजीए अध्यक्ष के कार्यालय ने कहा कि 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र निकाय का आपातकालीन विशेष सत्र गुरुवार को सुबह 10 बजे फिर से शुरू होगा और इस दौरान रूस को निलंबित करने के लिए मसौदा प्रस्ताव पर कार्रवाई की उम्मीद है. मानवाधिकार परिषद में 47 सदस्य देश होते हैं, जो महासभा के अधिकांश सदस्यों द्वारा गुप्त मतदान द्वारा सीधे और व्यक्तिगत रूप से चुने जाते हैं. महासभा, उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत से 'मानवाधिकारों के घोर और व्यवस्थित उल्लंघन करने वाले परिषद के सदस्य की परिषद में सदस्यता निलंबित कर सकती है.
अमेरिका ने रखा है UNHRC से रूस के निलंबन का प्रस्ताव
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने रोमानिया में संवाददाताओं से कहा था कि अमेरिका, यूक्रेन और यूरोपीय देशों और संयुक्त राष्ट्र में अन्य भागीदारों के साथ करीबी समन्वय कर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से रूस का निलंबन चाहता है. इससे पहले भी मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बूचा नरसंहार के मामले पर रूस की जमकर निंदा हुई थी और हर तरफ से रूस की जवाबदेही तय करने के लिए स्वतंत्र जांच की मांग उठी थी. महासभा वोटिंग करने वाले सदस्यों के दो तिहाई बहुमत से मानवाधिकार का गंभीर उल्लंघन करने वाले किसी देश की परिषद सदस्यता निलंबित कर सकती है.
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