Russia-Ukraine War: संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि रूसी हमले के बाद से 50 लाख से अधिक यूक्रेनी नागिरकों ने अपना देश छोड़ दिया है. यूएन के मुताबिक यूक्रेनी नागरिकों का पलायन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप का सबसे तेजी से बढ़ता शरणार्थी संकट है. बता दें 24 फरवरी को रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत हुई थी जब मॉस्को ने यूक्रेन के खिलाफ एक विशेष सैन्य अभियान की शुरुआत की थी.
शरणार्थियों के लिए जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) ने बुधवार को शरणार्थियों की कुल संख्या 50 लाख 10 हजार बताई. इन लोगों में से आधे से अधिक, करीब 28 लाख सबसे पहले पोलैंड भाग गए. उनमें से बहुत से लोग हालांकि वहां रुके हैं, लेकिन काफी लोगों के वहां से आगे चले जाने की सूचना है. इनकी सटीक संख्या की जानकारी हालांकि नहीं है. यूरोपीय संघ के भीतर सीमा जांच चौकियां कम हैं.
यूक्रेन के भीतर 70 लाख से अधिक लोग विस्थापित
यूएनएचसीआर ने 30 मार्च को कहा था कि 40 लाख लोग यूक्रेन से भाग गए हैं. युद्ध की शुरुआत की तुलना में हाल के हफ्तों में पलायन कुछ धीमा था. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि शरणार्थियों के अलावा, यूक्रेन के भीतर 70 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं. युद्ध से पहले यूक्रेन की जनसंख्या चार करोड़ चालीस लाख थी.
‘जरूरी यह है कि सीमाएं खुली रहें’
इससे पहले मंगलवार को यूएनएचसीआर की प्रवक्ता शाबिया मंटू ने जिनेवा में कहा, "जरूरी यह है कि सीमाएं खुली रहें, लोग सुरक्षा तक पहुंच सकें और जब वे पड़ोसी देशों में पहुंचें तो उन्हें सहायता मिल सके." मंटू ने कहा, "हम चिंता के साथ देख रहे हैं कि आगे क्या होगा, लेकिन यह काफी चिंताजनक है कि कुछ ही हफ्तों में हम यूक्रेनी शरणार्थियों की संख्या 50 लाख के पास पहुंच रही हैं."
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