बूचा नरसंहार पर रूस के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा में वोटिंग से दूर रहा भारत, अमेरिका ने दिया ये बयान
यूक्रेन में बूचा नरसंहार को लेकर रूस के खिलाफ 93 देशों ने वोट किया. वहीं भारत समेत 58 देशों ने रूस के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया.
रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है. रूसी सैनिक लगातार यूक्रेन के अलग-अलग शहरों को निशाना बनाकर उसे तबाह कर रहे हैं. इस बीच संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ वोटिंग से दूर रहने के भारत के फैसले से अमेरिका नाराज है. एक अमेरिकी कांग्रेसी ने गुरुवार को कहा कि वह यूक्रेन पर रूस के आक्रमण पर संयुक्त राष्ट्र में मतदान से दूर रहने के भारत के फैसले से निराश है. पेंसिल्वेनिया के रिपब्लिकन कांग्रेसी ब्रायन फिट्जपैट्रिक ने सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि रूस पर अपने पैर खींचने वाले देशों को जवाबदेह ठहराना जरूरी है. बता दें कि रूस को मानवाधिकार परिषद से बाहर करने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा में पास हो गया है.
रूस के खिलाफ वोटिंग से दूर रहने पर भारत से अमेरिका की नाराजगी
पेंसिल्वेनिया के रिपब्लिकन कांग्रेसी ब्रायन फिट्जपैट्रिक ने भारत के राजदूत के साथ अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि मैं कल ही भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू से संयुक्त राष्ट्र में उनके अनुपस्थित रहने के संबंध में मिला था. भारत के इस रूख से हमें काफी निराशा हुई है. उन्होंने कहा कि दूसरे देशों को जवाबदेह ठहराना जो यूक्रेन के मसले पर रूस के खिलाफ अपने पैर खींच रहे हैं. प्रतिबंधों को सख्त कर व्लादिमीर पुतिन और रूसी सरकार को इस युद्ध के लिए जवाबदेह ठहराना जरूरी है.
भारत समेत 58 देश रहे वोटिंग से दूर
इसके साथ ब्रायन फिट्जपैट्रिक ने आगे कहा कि यूक्रेन को रूसी हमले से सामना करने के लिए सभी रक्षात्मक टूल्स की बेहद जरूरत है लेकिन अभी तक हमने ऐसा नहीं किया है. बता दें बूचा नरसंहार और यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस ने मानवाधिकार परिषद की सदस्यता गंवा दी है. रूस के खिलाफ 93 देशों ने वोट किया. वहीं भारत समेत 58 देशों ने रूस के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. उधर, रूस का कहना है कि बूचा में नरसंहार को लेकर जो भी तस्वीरें दिखाई जा रही हैं वो एक प्लानिंग के तहत की जा रही है.
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