रूस और यूक्रेन से भीषण युद्ध के बीच अमेरिकी विदेश विभाग ने बड़ा फैसला लिया है. अमेरिका ने बेलारूस की राजधानी स्थित अपना दूतावास बंद कर दिया है. इसके अलावा अपने राजनयिकों और अन्य गैर-आपातकालीन कर्मचारियों को रूस छोड़ने का निर्देश जारी किया है. यूएस सेक्रेटरी ऑफ स्टेट एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि यूक्रेन में रूसी सैन्य बलों के अकारण और अनुचित हमले से उत्पन्न हुए सेफ्टी और सुरक्षा मुद्दों की वजह से यह कदम उठाया है. बीते दिन रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने अपने न्यूक्लियर डिटरेंस फोर्सेस को हाई अलर्ट पर रखने का आदेश जारी किया था, जिससे दुनियाभर के देशों की चिताएं बढ़ गई हैं. यूक्रेन के खिलाफ जंग में रूस आक्रामक होता जा रहा है. वह परमाणु बम का इस्तेमाल कर सकता है. रूस के न्यूक्लियर दस्ते ने युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है. ये जानकारी रूस की मीडिया के हवाले से सामने आई है. रूसी मीडिया के मुताबिक न्यूक्लियर ट्रायड ने तैयारी शुरू कर दी है. रूस के रक्षा मंत्री ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को इसकी जानकारी भी दे दी है.
रूस और यूक्रेन के बीच जंग का पांचवां दिन है. दोनों देशों के बीच युद्ध 24 फरवरी को शुरू हुआ था. पांच दिनों से जारी जंग के बीच सोमवार को बेलारूस बॉर्डर पर रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत हो रही है. बातचीत से पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस से मांग की थी कि वह सीजफायर का एलान करे. साथ ही उन्होंने कहा कि रूसी सैनिक अपनी जान बचाएं और वापस जाएं. ज़ेलेंस्की ने यूरोपियन यूनियन (ईयू) से कहा कि यूक्रेन को तत्काल प्रभाव से ईयू की सदस्यता दी जाए.
यूरोपियन यूनियन का कहना है कि वह यूक्रेन को हथियार देगा. इस फैसले पर रूस ने कड़ी आपत्ति जताई है. रूस ने कहा है कि यूरोपीय संघ हमारे प्रति शत्रुतापूर्ण तरीके से काम कर रहा है. यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति खतरनाक और अस्थिर करने वाली है. रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला कर दिया था और दोनों देशों के बीच युद्ध जारी है. संयुक्त राष्ट्र का दावा है कि रूसी हमले में अब तक 102 आम नागरिकों की मौत हुई है, इनमें सात बच्चे भी हैं. इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय ने सोमवार को कहा कि बेलारूस की सीमा पर रूस के साथ बातचीत के लिए उसका एक प्रतिनिधिमंडल पहुंच गया है. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं कि इससे कोई सफलता मिलेगी या नहीं.
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