Russia Ukraine War: शराब देने से किया इनकार तो रूसी सैनिकों ने मचाया नरसंहार, 7 लोगों को गोलियों से भूना
Russia Ukraine Crisis: जिन दो रूसी सैनिकों पर नरसंहार का आरोप लगा है, उनकी पहचान अलेक्जेंडर ओसिपोव (34) और अलेक्जेंडर काइगोरोडत्सेव (37) के रूप में हुई है. दोनों ने 4 हत्या की बात कबूल की है.
Russia Ukraine War Latest News: यूक्रेन में रूसी सैनिकों का नरसंहार जारी है. खबर है कि दो रूसी सैनिकों ने हाल ही में नशे में दो गांवों में नरसंहार किया और 7 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. यह नरसंहार सिर्फ इसलिए हुआ क्योंकि ग्रामीणों ने शराब देने से इनकार कर दिया था.
द मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के जिन दो सैनिकों पर नरसंहार का आरोप लगा है, उनकी पहचान 34 वर्षीय अलेक्जेंडर ओसिपोव और 37 वर्षीय अलेक्जेंडर काइगोरोडत्सेव के रूप में हुई है. दोनों ने पैट्रियट सैन्य पिकअप ट्रक में घूमते समय यूक्रेन में मौत के निशान छोड़ दिए.
हत्या करने के बाद घर भी जला दिए
स्थानीय रिपोर्टों से पता चलता है कि रूसी ग्राउंड फोर्सेज के 144वें गार्ड्स मोटर राइफल डिवीजन के इन दोनों सैनिकों ने उस डरावनी रात में जिन सात लोगों को मारा, उन सभी ने शराब पीने से इनकार किया था. इससे दोनों काफी गुस्सा हुए थे. बताया जा रहा है कि सात लोगों को मारने के बाद उनके घर भी जला दिए गए.
अभी तक कोई केस नहीं
एस्ट्रा स्वतंत्र मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, खूनी नरसंहार के बावजूद, पुतिन की सेना की ओर से नियंत्रित गांवों में कोई क्रिमिनल केस नहीं खोला गया है. मृतकों में सहयोगी ल्यूबोव टिमचाक (54) भी शामिल हैं, जो रूस द्वारा कब्जे वाले अब्रीकोसिव्का गांव के प्रमुख थे, जो कब्जाधारियों के पक्ष में जाने से पहले एक यूक्रेनी अधिकारी थे. बताया जाता है कि 40 वर्षीय अलेक्सी ग्लिनिन, टिमचैक का साथी और एक रूसी सैनिक भी इस नरसंहार में मारा गया है.
चार मर्डर की बात आरोपियों ने कबूल की
रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया है कि आरोपियों ने अपने अपराध को छुपाने के लिए गांव के घरों में अपने पीड़ितों की लाशों के ऊपर फ्यूल डाल दिया और फिर ग्रेनेड के जरिये आग लगा दी. शराब के नशे में उनकी हत्या के बाद अंततः दोनों को बेहोशी की स्थिति में हिरासत में लिया गया. ओसिपोव और कैगोरोडत्सेव ने कथित तौर पर चार हत्याओं की बात कबूल की थी लेकिन अब उन पर कुल सात हत्याओं का संदेह है.
एक शख्स की पसलियां भी टूटी
ऐसा दावा किया गया है कि सैनिकों ने 40 वर्षीय रुस्लान खम्मातोव को पीटा, जिससे उसकी आंख और पसलियां टूट गईं, साथ ही उसकी नाक भी टूट गई, क्योंकि वे जबरदस्ती कबूलनामा कराने की कोशिश कर रहे थे.
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