Russia Ukraine Conflict: रूस (Russia) ने गुरुवार को यूक्रेन (Ukraine) पर हमला कर दिया. रूस के राष्ट्रपति ने कहा कि यूक्रेन की सेना हथियार डाल दे. वहीं यूक्रेन अमेरिका, फ्रांस और यूएन समेत विश्व के अन्य देशों से मामले में दखल देने और रूस को रोकने की अपील कर रहा है. यूक्रेन रूस के आगे लाचार दिख रहा है, लेकिन हमेशा यूक्रेन की हालत ऐसी नहीं थी. आज से करीब 11 साल पहले यूक्रेन में एक ऐसी महिला प्रधानमंत्री हुआ करती थीं, जो रूस की आंखों में आंखें डालकर उसे चुनौती देती थीं. वह खुलकर रूस के खिलाफ बोलती थीं. रूस कभी भी उस महिला को डरा नहीं पाया. जी हां, हम बात कर रहे हैं यूक्रेन की पहली महिला प्रधानमंत्री यूलिया तेमोसेंको (Ukraine First Women Prime minister) की. आज यूक्रेन के लोग बहादुर यूलिया को याद कर रहे हैं. चलिए आपका बताते हैं कि आखिर कौन थी यूलिया.


गैस क्वीन से बन गईं प्रधानमंत्री


यूलिया तेमोसेंको (Yulia Tymoshenko) राजनीति में आने से पहले बिजनेस में थीं. उनका गैस का बिजनेस था. वह गैस क्वीन के नाम से भी मशहूर थीं. जब वह राजनीति में थीं तो उनकी गिनती यूक्रेन की सबसे सक्सेसफुल बिजनेस वुमन के रूप में होती थी. जब वह राजनीति में आईं तो यहां भी अपना दबदबा कायम रखा और बहुत जल्द 2005 में यूक्रेन की पहली महिला प्रधानमंत्री बन गईं. हालांकि पहली बार वह कुछ महीनों के लिए ही पीएम रहीं. इसके बाद वह दूसरी बार 2007 में प्रधानमंत्री बनीं. इस बार वह 2010 तक सत्ता में रहीं.




रूस से सीधे लेती थी टक्कर


यूलिया जब तक प्रधानमंत्री रहीं, उन्होंने रूस के खिलाफ हमेशा आवाज बुलंद रखी. वह यूक्रेन को नाटो में शामिल कराना चाहती थीं. वह चाहती थीं कि यूक्रेन रूस की गार्जियनशिप की छाया से बाहर आकर आत्मनिर्भर बने. वह रूस को खुलेआम धमकी भरे लहजे में कहती थीं कि जमीन का एक इंच टुकड़ा भी रूस को नहीं लेने दूंगी.




इस तरह बदल गया सबकुछ  


यूलिया ने 2010 में यूक्रेन के राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने का फैसला किया. इस चुनाव में वह विक्टर यूश्नकोव से महज 3.3 प्रतिशत वोट से हा गई. विक्टर के राष्ट्रपति बनते ही यूलिया के बुरे दिन शुरू हो गए. विक्टर ने राष्ट्रपति का चार्ज लेते ही यूलिया पर रूस के साथ हुए एक गैस डील में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए वर्ष 2011 में जेल में डाल दिया गया. वह 2014 में जेल से बाहर निकलीं. वह कितनी मजबूत थीं, इसका अंदाजा इसी लगाया जा सकता है कि 2005 में फोर्ब्स मैग्जीन ने उन्हें दुनिया की सबसे ताकतवर महिलाओं की सूची में तीसरे नंबर पर रखा था.


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