Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को करीब एक साल होने को है. जंग की शुरुआत में कयास लगाया जा रहा था कि यूक्रेन जल्द ही रूस के सामने घुटने टेक देगा. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. जंग के मैदान में रूस यूक्रेन के सामने तनकर खड़ा है. ऐसा इसलिए संभव हो पाया क्योंकि पश्चिमी देशों ने यूक्रेन की खूब मदद की.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब 30 देशों ने भारी तादाद में यूक्रेन को हथियार और जरूरी चीजें मुहैया कराईं, जिससे यूक्रेन को युद्ध के मैदान में भारी मदद मिल रही है कि अमेरिका ने यूक्रेन को बख्तरबंद गाड़ियों समेत दो अरब डॉलर की मदद की है. इससे पहले भी अमेरिका ने स्पष्ट तौर पर एलान किया था कि वह यूक्रेन के साथ खड़ा है. इसी कड़ी में ब्रिटेन ने एलान किया है कि वो यूक्रेन को अपने 'चैलेंजर 2 टैंक' भेजेगा. जर्मनी 'लेपर्ड 2 टैंक' यूक्रेन को देने की तैयारी में हैं.
ब्रिटेन भी कर रहा यूक्रेन की मदद
ब्रिटेन यूक्रेन की मदद करने को पूरी तरह से तैयार खड़ा है. उसने यूक्रेन को 14 'चैलेंजर 2 टैंक' देने पर सहमति जताई है. 'चैलेंजर 2' ब्रिटिश आर्मी का मुख्य युद्धक टैंक है. इससे पहले यूक्रेन के पास किसी प्रकार के आधुनिक टैंक नहीं थे, जिससे युद्ध के मैदान में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था. बता दें कि इससे पहले यूक्रेन को पोलैंड, चेक रिपब्लिक और दूसरे देशों से 200 से ज़्यादा टी-72 टैंक मिले हैं.
गौरतलब है कि जर्मनी ने यूक्रेन को मदद के तौर पर 'लेपर्ड 2' टैंक देने का मन बनाया है, जिससे पार पाना रूस के लिए आसान नहीं होगा. लेपर्ड 2 का रखरखाव आसान होने के साथ साथ इसे चलाने में ईंधन भी कम खर्च होता है.
अमेरिका यूक्रेन पर मेहरबान
अमेरिका ने यूक्रेन को 90 स्ट्राइकर भेजे हैं. साथ ही अमेरिका ने दरियादिली दिखाते हुए यूक्रेन को और 59 ब्रेडली इन्फैंट्री लड़ाकू विमान भेजे गए हैं. इसके साथ ही अमेरिका ने यूक्रेन को 'नैसेम्स मिसाइलें' भी दी हैं. पहली 'नैसेम्स मिसाइल' नवंबर में यूक्रेन पहुंची थी. बस इसी बात से रूस अमेरिका पर चिढ़ा हुआ है. रूस ने तो यहां तक कह डाला है कि यह युद्ध अमेरिका द्वारा प्रायोजित किया गया है. अमेरिका के तर्ज पर जर्मनी और नीदरलैंड ने यूक्रेन को 'पैट्रियट लॉन्चर' और मिसाइलें देने का फैसला किया है.
ब्रिटेन ने 'स्टारस्ट्राइक' समेत कई एयर डिफेंस सिस्टम दिए हैं. साथ ही जर्मनी ने 'आईआरआईएस-टी एयर डिफेंस सिस्टम' मुहैया कराए हैं. इसी कड़ी में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और अमेरिका ने यूक्रेन को 'एम 777 होवित्जर तोप' और उसमें इस्तेमाल होने वाला गोला-बारूद भेजा था.