Ukraine Russia War: ये है यूक्रेन की Azov Regiment, रूस के सैनिकों से ले रही है लोहा, पुतिन भी दे चुके हैं बयान
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेनी सेना की इस यूनिट पर बयान भी दे चुके हैं. उन्होंने इस यूनिट की उपस्थिति पर ही यूक्रेन को गैर-सैन्यीकरण और डी-नाज़िफाई करने की बात कही थी.
रूस और यूक्रेन के बीच जंग सातवें दिन में पहुंच गई है. रूस की ताकतवर सेना का सामना यूक्रेन के सैनिक डटकर कर रहे हैं. 24 फरवरी को शुरू हुई इस जंग के बीच यूक्रेन के एक मिलिट्री रेजीमेंट की खूब चर्चा हो रही है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेनी सेना की इस यूनिट पर बयान भी दे चुके हैं. उन्होंने इस यूनिट की उपस्थिति पर ही यूक्रेन को गैर-सैन्यीकरण और डी-नाज़िफाई करने की बात कही थी. यूक्रेन की सेना की इस यूनिट का नाम Azov Regiment है.
सोमवार को यूक्रेन के नेशनल गार्ड ने एक वीडियो ट्वीट किया था, जिसमें Azov Fighters को दिखाया गया. इनका इस्तेमाल कथित तौर पर रूस के सहयोगी मुस्लिम चेचेन के खिलाफ किया जा रहा है. Azov रूस के आक्रमण से पहले सैन्य अभ्यासों के माध्यम से यूक्रेन के नागरिकों को प्रशिक्षण देने में भी शामिल रहा है.
क्या है Azov Regiment?
Azov Regiment वॉलिंटियर इन्फैन्ट्री यूनिट है जिसमें करीब 900 सदस्य हैं. इसके सदस्य अति-राष्ट्रवादी होते हैं और उनपर नव-नाज़ी और श्वेत वर्चस्ववादी विचारधारा को शरण देने का आरोप लगाया गया है. यूनिट की शुरुआत मई 2014 में हुई थी. इसे यूक्रेन गैंग के अति-राष्ट्रवादी देशभक्त और नव-नाजी सोशल नेशनल असेंबली (एसएनए) समूह से एक स्वयंसेवी समूह के रूप में गठित किया गया था.
एक बटालियन के रूप में इस ग्रुप ने यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्र डोनेट्स्क में रूसी समर्थक अलगाववादियों के खिलाफ अग्रिम पंक्ति में लड़ाई लड़ी थी. रूसी समर्थित अलगाववादियों से रणनीतिक बंदरगाह शहर मारियुपोल पर फिर से कब्जा करने के कुछ महीनों बाद यूनिट को आधिकारिक तौर पर 12 नवंबर, 2014 को यूक्रेन के नेशनल गार्ड में एकीकृत किया गया था और तत्कालीन राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेंको से तारीफ भी मिली थी. उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था कि ये हमारे सबसे अच्छे योद्धा हैं.
Azov का गठन किसने किया था
इस यूनिट का नेतृत्व एंड्री बिलेत्स्की ने किया. उन्होंने यूक्रेन के पैट्रियट (2005 में स्थापित) और एसएनए (2008 में स्थापित) दोनों के नेता के रूप में कार्य किया. एसएनए को यूक्रेन में अल्पसंख्यक समूहों पर हमले करने के लिए जाना जाता है. बिलेत्स्की को 2014 में संसद के लिए चुना गया था. इसके बाद उन्होंने Azov से इस्तीफा दे दिया था. वह 2019 तक सांसद रहे.