Zaporizhzhia Nuclear Power Plant: यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे विनाशकरी युद्ध को एक साल से भी ज्यादा का वक्त हो गया है. इस दौरान दोनों देशों ने बहुत कुछ खोया है. एक समय ऐसा था कि जब यूक्रेन का जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र बिजली का उत्पादन करता था, लेकिन यह अब केवल रूसी सैनिकों के लिए एक सैन्य अड्डा बन कर रह गया है. एनरगोदर शहर के निर्वासित महापौर ने एएफपी को यह बताया.


पिछले साल जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था तभी शुरुआत में ही (4 मार्च 2022) को रूस के सैनिकों ने दक्षिणी जापोरिज्जिया क्षेत्र में संयंत्र पर कब्जा कर लिया था. हालांकि अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने संयंत्र के पास गोलाबारी के बारे में चिंता जताई है, इसके चारों ओर सेना के प्रतिबंधित क्षेत्र की मांग की है.


संयंत्र को सैन्य अड्डे में बदला
एनरगोदर के निर्वासित मेयर 37 वर्षीय दमित्रो ओर्लोव ने एजेंसी एएफपी को दिए एक इंटरव्यू में कहा, "एक साल के कब्जे के दौरान, रूस की सेना ने यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र को एक सैन्य अड्डे में बदल दिया है." दमित्रो ओर्लोव ने कहा, रूसी सैनिक इस बात का फायदा उठाते हैं कि यूक्रेन संयंत्र के पास किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए साइट पर गोली नहीं चलाएगा.


1,000 रूसी सैनिक बिजली संयंत्र में मौजूद
वहीं, कीव और मॉस्को ने संयंत्र के आसपास गोलाबारी के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहराया है. उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह है कि रूस अपने सैन्य उपकरण, गोला-बारूद और सैनिकों को सुरक्षित रखने के लिए इस संयंत्र को "परमाणु कवच" के रूप में इस्तेमाल कर रहा है. दमित्रो ओर्लोव के अनुसार, कम से कम 1,000 रूसी सैनिक वर्तमान में बिजली संयंत्र और एनरगोदर में तैनात हैं. 


एनरगोदर शहर निप्रो नदी के किनारे बसा हुआ है. यहां रूस के हमले से पहले इसकी आबादी 53,000 थी, लेकिन अब यह घटकर लगभग 15,000 रह गई. ज्यादातर रूसी सैनिक पावर प्लांट में पनाह लिए हुए हैं क्योंकि वे यहां सुरक्षित हैं.


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